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भीलवाड़ा

Bhilwara news : त्योहारी सीजन में सेहत न बिगाड़ दें मिलावटी मिठाइयां

सड़क पर टेंट लगाकर बना रहे मिठाई व मरके

भीलवाड़ाOct 23, 2024 / 11:07 am

Suresh Jain

Don't let adulterated sweets spoil your health during the festive season

Don’t let adulterated sweets spoil your health during the festive season

Bhilwara news : त्योहारी सीजन में मिठाइयां खरीदते समय गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया तो आपकी सेहत को नुकसान हो सकता है। धनतेरस, दीपावली व भैया दूज पर मिठाइयों की मांग बढ़ती है। त्योहार पर मिठाई की खपत अधिक होने के कारण मिलावटखोरी भी बड़े स्तर पर होती है। मिलावटखोरों के खिलाफ चिकित्सा विभाग कार्रवाई करता है, लेकिन तब तक मिलावटी मिठाई लोगों के पेट तक पहुंच चुकी होती है। चिकित्सा विभाग की ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में कार्रवाई प्रभावी नहीं होती। खानापूर्ति के लिए त्योहारी सीजन में नमूने एकत्र करते हैं। नमूनों की रिपोर्ट आने तक आमजन खाद्य पदार्थ का सेवन कर चुका होता है।
त्योहार पर सक्रिय नकली मावा के कारोबारी

त्योहार का सीजन आते ही जिले में नकली व सिंथेटिक मावा के कारोबारी सक्रिय हो जाते हैं। जिले में नकली मावा की आवक शुरू हो जाती है। वैसे बाजार में हर समय नकली मावा और मिलावटी पदार्थ खपता है। त्योहार के समय नकली मावा व पनीर और घी की खपत बढ़ जाती है। शहर हो या गांव, दूध की कितनी भी कमी हो जाए, लेकिन मावा के नाम पर क्विंटलों नकली मावा मिल जाता है। खाद्य विभाग की सैंपलिंग के नाम पर दुकानदारों पर दबाव बनाया जाता है, लेकिन नतीजा शून्य रहता है। जांच रिपोर्ट आने से पहले नकली मावा मार्केट में खप जाता है। इसका खमियाजा आम उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है।
सड़क किनारे खुले में रखते मिठाइयां

शहर में कई जगह पर दीपावली के आने से पहले ही सड़क किनारे टेंट लगा मरके व मिठाइयों को खुले में रखते हैं। वाहनों की आवाजाही के कारण दिनभर उड़ती धूल मिठाइयों पर जमती रहती हैं। खुले में रखी मिठाइयों पर जमी धूल मिट्टी भी हानिकारक होने के कारण लोग बीमार पड़ जाते हैं। दुकानों में काउंटरों में रखी विभिन्न प्रकार की रंग बिरंगी मिठाइयां सेहत बिगाड़ सकती हैं। मिठाइयों में मिलावट के खतरे से बचने के लिए काफी संख्या में लोग अपने घर पर ही मिठाइयों को बनाने लगे हैं।
मिठाई में ऐसे होती है मिलावट

खाद्य जांच प्रयोगशाला जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार नकली मावा बनाने के लिए दूध पाउडर के साथ पॉम ऑयल या तेल के साथ वाशिंग पाउडर मिलाते हैं। बेसन की जगह पशुओं को दी जाने वाली मटर की दाल से नमकीन तैयार की जाती है। लोगों को आकर्षित करने को मिठाइयों में निर्धारित मानक रंग की जगह ज्यादा गहरा रंग देते हैं, जो लोगों को इस मिठाई को खरीदने पर मजबूर करता है। व्यापारी नमकीन में डाले जाने वाले मसालों में रंग मिलाकर उपयोग करते हैं। वहीं मिठाइयों में काम लिए जाने वाले सूखे मेवे भी गुणवत्तायुक्त नहीं होते हैं।

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