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भीलवाड़ा

Bhilwara news : डिजिटल युग में बच्चों व महिलाओं पर साइबर क्राइम पर सर्वाधिक खतरा

स्कूलों में प्रारंभिक स्तर से ही जुड़े साइबर क्राइम और उससे सुरक्षा संबंधी पाठ्यक्रम
महिलाओं के लिए आयोजित किए जाए अवेयरनेस वर्कशॉप और ट्रेनिंग सेशन

भीलवाड़ाDec 13, 2024 / 10:54 am

Suresh Jain

In the digital age, children and women are at greatest risk of cyber crime

In the digital age, children and women are at greatest risk of cyber crime

Bhilwara news : महिलाएं और बच्चे आजकल मोबाइल, लेपटॉप पर ज्यादा समय ऑनलाइन रहते हैं। ऐसे में साइबर क्राइम का सबसे ज्यादा खतरा भी उन्हीं के साथ बना रहता है। इसका सबसे बड़ा कारण साइबर क्राइम और उससे सुरक्षा की पूरी जानकारी नहीं होना है। यह बात गुरुवार को महिला संगठनों के साथ पत्रिका की टॉक शो में सामने आई है। राजस्थान पत्रिका की ओर से साइबर क्राइम को लेकर जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इससे कई लोग जागरूक भी हो रहे है। वही महिलाओं ने इसके लिए पत्रिका आभार जताया है।
कोरोना के समय से बढ़ गया मोबाइल का चलन

टॉक शो में बताया कि कम उम्र से ही बच्चों में मोबाइल की लत के कारण इनका ज्यादातर समय ऑनलाइन गेम्स, रील्स, मूवीज पर निकल रहा है तो वहीं कोरोना समय के बाद ऑनलाइन पढ़ाई के लिए भी इसका उपयोग बढ़ा है। ऐसे में साइबर क्राइम का खतरा और इससे जुड़े मामले भी बढ़े हैं। जरूरी है कि बच्चों में जागरूकता लाने के लिए स्कूलों में प्रारंभिक स्तर से ही साइबर क्राइम और उससे सुरक्षा की भी पढ़ाई कराई जानी चाहिए। ये सब्जेक्ट छोटी क्लासों से ही सिलेबस में जोड़ा जाना चाहिए। तेजी से बढ़ रहे तरह-तरह के साइबर क्राइम और बड़ी संख्या में इनका शिकार बनते बच्चों को इस प्रकार के फ्रॉड से बचाने का ये एक बेहतर उपाय हो सकता है।
महिलाएं सबसे ज्यादा ऑनलाइन से करती खरीदारी

महिलाओं में ऑनलाइन शॉपिंग का सबसे ज्यादा चलन है। इसके बढ़ते उपयोग, डिजिटल भुगतान, ऑनलाइन बिजनेस के साथ ही सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब के बढ़ते उपयोग और साइबर क्राइम को लेकर जागरूकता के अभाव के चलते महिलाओं के साथ फ्रॉड होने का खतरा भी ज्यादा बना रहता है। ऐसे में जरूरी है कि सरकार और प्रशासन के साथ साथ बैंकिंग संस्थान भी समय समय पर अवेयरनेस वर्कशॉप्स और ट्रेनिंग सेशन भी आयोजित करे। पुलिस प्रशासन को भी इन दोनों वर्गों में किसी भी प्रकार के साइबर क्राइम के डर को दूर करने के प्रयास करने होंगे। इससे जुड़े मामलों में भी तुरंत कार्रवाई कर राहत दिलाकर सुरक्षा का भाव भी जगाना होगा।
सजग रहने से टली ठगी की वारदात

एक महिला ने बताया कि उनके पास पुलिस का फोन आया था कि उनका बेटा यौन शोषण के मामले में गिरफ्तार हुआ है। वह थाने में बैठा है। लेकिन परिवार के सभी सदस्यों की जागरूकता के चलते ठगी होने से बच गए। क्योंकि बेटे से सुबह ही बात हुई थी। एक अन्य महिला ने बताया कि कई तरह के कॉल आ रहे है। इसमें किसी की मृत्यु होने तक की बात कह कर ठगी कर रहे है। सदस्यों ने कहा कि अनजान कॉल को नहीं उठाना चाहिए। बच्चों को किसी तरह के पासवर्ड न बताए। गेम्स के माध्यम से ठगी बढ़ रही है उसे रोकना होगा। अनजान ऐप को भी नहीं खोलना चाहिए। लोन के नाम से भी कई ऐप आ रहे है उससे भी फ्रॉड हो रहे है।
इन्होंने रखी अपनी बात

टॉक शो में महावीर इंटरनेशनल कनक की बोर्ड सदस्य दिव्या बोरदिया, प्राज्ञ महिला मंडल की महामंत्री मधु लोढ़ा, महावीर इंटरनेशनल संकल्प कोषाध्यक्ष समता चौधरी, सारथी गोल्ड की सदस्य सुमन कर्नावट, स्वाध्यायी महिला समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनीता पीपाड़ा, प्राज्ञ महिला समिति की राष्ट्रीय सहमंत्री रजनी डोसी, शिवानी सुराणा, विनीता हिरण, कनक बोर्ड सदस्य चांदनी रांका, बीएससी बोर्ड से शिल्पा बापना, अपना संस्थान से सृष्टि सिंह ने विचार रखे।

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