Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Bhilwara news : मंडी, ठेलों व थडि़यों पर पॉलीथिन में बिक रही सब्जियां

प्रतिबंध बेअसर: धडल्ले से चल रही पॉलीथिन व सिंगल यूज प्लास्टिक

2 min read
Google source verification

Vegetables being sold in polythene in mandi, carts and stalls

Bhilwara news : प्रदेश को पॉलीथिनमुक्त बनाने के उद्देश्य से सरकार ने 1 जुलाई 2022 को सिंगल यूज प्लास्टिक व पॉलीथिन पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया था, लेकिन लोग घरों से थैला लेकर बाजार नहीं जा रहे और दुकानदार भी बेहिचक पॉलीथिन में सामान दे रहे हैं।

सब्जी मंडी आने वाली सब्जियों के पार्सल में भी पॉलीथिन का इस्तेमाल हो रहा है। सब्जी मंडी हो या हाथ ठेले या थडि़यां सभी जगह प्रतिबंधित थैलियों में सब्जियां बिक रही हैं। नगर निगम ने पॉलीथिन और सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर अंकुश के लिए ठोस कदम नहीं उठाए। हालांकि कुछ दिन में 5500 किलो थैलियों जब्त की है।

सड़कों व नालियों में ढेर

भीलवाड़ा में पॉलीथिन और सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है। फुटकर और थोक विक्रताओं की दुकानों में प्रयोग हो रहा है। इससे गलियों, सड़कों और नालियों में पॉलीथिन और प्लास्टिक के ढेर लगे नजर आते हैं। नालियों में पॉलीथिन अटकने के कारण जल निकासी एवं सफाई व्यवस्था फैल हो रही है।

पॉलीथिन के नकारात्मक प्रभाव

पॉलीथिन से जमीन की उर्वर शक्ति नष्ट हो रही है। लैंडफिल में डाले गए प्लास्टिक, जल के साथ रिएक्शन कर खतरनाक केमिकल्स बनाते हैं। यदि ये केमिकल्स रिसकर ग्राउंड वाटर तक पहुंच जाएं तो जल की गुणवत्ता बिगाड़ते हैं। पॉलीथिन के पुन: चक्रीकरण में उच्च ताप पर गर्म कर पिघलाने पर भारी मात्रा में गैस उत्सर्जित होती हैं। इससे वायुमंडल प्रदूषित होता है।20 माइक्रोन से कम मोटी पॉलीथिन नालियों में जाने से सीवर लाइन जाम हो जाती है।

पॉलिस्टिरीन पर भी पाबंदी

प्लास्टिक के छडिय़ां से लैस ईयर बड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की छडि़यां, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी, सजावट के लिए पॉलिस्टिरीन (थर्माकोल) को सरकार ने प्रतिबंधित कर रखा है। प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच व चाकू एवं स्ट्रा ट्रे जैसी कटलरी, मिठाई के डिब्बों के चारों तरफ लपेटी या पैकिंग करने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड और सिगरेट के पैकेट 100 माइक्रो से कम मोटी प्लास्टिक यूपीवीसी बैनर, स्टीकर एवं अन्य समस्त सिंगल यूज प्लास्टिक (डिस्पोजल) आदि पर भी रोक है। नियमों के तहत प्लास्टिक पॉलीथिन के उपयोग, क्रय, विक्रय, परिवहन व भंड़ारण पर प्रतिबंध है।

उल्लंघन पर जुर्माना

1 जुलाई 2022 से कोई भी व्यक्ति प्लास्टिक प्रतिबंध का उल्लंघन करता है तो जब्त कर एक हजार रुपए प्रतिकिलो का जुर्माना नगर निगम लगा सकती है। साथ ही प्लास्टिक प्रतिबंध अधिनियम 2016 के प्रावधानों के तहत संबंधित व्यक्ति को 5 वर्ष के कारावास की कार्रवाई भी प्रस्तावित की जा सकती है।

दीपक घनेटवाल, क्षेत्रीय अधिकारी आरपीसीबी भीलवाडा