अब 14 अक्टूबर से राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर इस योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना रख दिया है। कृषि शासन सचिव अशोक कुमार मीणा की ओर से जारी आदेश में अब हड्डी टूटने एवं सिर पर चोट लगने से कोमा में जाने पर मिलने वाली 50 हजार की राशि को 2 लाख रुपए किया है। पहले यह राशि 50 हजार रुपए ही थी।
बोर्ड ने कृषि उपज मंडी समितियों के लिए यह आदेश जारी करने के बाद अब योजना का नाम बदलने से किसानों व खेतीहर मजदूरों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। बोर्ड ने कृषि उपज मंडी समितियों के माध्यम से कृषकों, खेतीहर मजदूरों की कृषि कार्य करते समय दुर्घटनाओं के बाद उन्हें पूर्व में दी जाने वाली सहायता राशि व उनके नियमों में कोई बदलाव नहीं किया है। अब योजना का नाम मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना बदलने के बाद भी पूर्व के नियमों के तहत ही आश्रितों को सहायता राशि स्वीकृत की जाएगी।
योजना का नाम बदला कृषि उपज मंडी समिति सचिव महिपाल सिंह ने कहा कि राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना का नाम अब बदल कर मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना किया और कोमा में जाने पर 50 हजार की जगह 2 लाख रुपए किया गया है। योजना में कृषि कार्य करते समय किसानों के दुर्घटनाग्रस्त होने, अंग भंग और मृत्यु होने पर 5 हजार से लेकर 2 लाख तक की सहायता कृषि उपज मंडी समिति की ओर से प्रदान की जाती। ऐसे में यह योजना किसानों के लिए वरदान बनी हुई है।