चिकित्सालय की तमाम सुविधाओं व व्यवस्थाओं को लेकर योजनाएं बन रही एवं उधड़ रही है, लेकिन यहां स्थित साइकिल स्टैंड पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। साइकिल स्टैंड आज भी दस साल पुरानी जगह में छोटे स्थान पर सिमटा हुआ है। यहां सौ वाहनों की पार्किग की व्यवस्था है, लेकिन यहां दो सौ वाहन तो केवल चिकित्सालय के चिकित्सक, नर्सिग कर्मी, विद्यार्थियों के ही पार्क होते है, यह सुविधा निशुल्क है।
चिकित्सालय प्रबंधन ने सालाना बीस लाख रुपए की लागत में यह साइकिल स्टैंड रखरखाव के लिए एक स्थानीय एजेंसी को दे रखा है। यहां वाहनों पर नजर रखने के लिए सीसी कैमरे भी लगे हंै। वहीं साइकिल स्टैंड से मोटी कमाई के बावजूद साइकिल स्टैंड की सुविधाओं की सुध नहीं ली जा रही है। इससे लोगों को वाहन खड़े करने के लिए भी जगह नहीं मिल पा रही है।
स्टैंड के अलावा अन्यंत्र वाहन पार्किग करने पर चोरी की वारदातें भी बढ़ी है। यहां तीन साल में ३८ वाहन चोरी हो चुके हैं। दूसरी तरफ वाहनों को अव्यवस्थित तरीके से जहां जगह मिली वही खड़ा करने से चालक व स्टैंड के कर्मी भी किराए को लेकर आपस में उलझते नजर आते है।
विभिन्न संगठनों का कहना है कि मौजूदा पार्किग स्थल के आसपास पर्याप्त जगह होने के बावजूद साइकिल स्टैंड का विस्तार नहीं किया जा रहा है। चिकित्सालय प्रशासन को समीपवर्ती गांधी पार्क का कुछ हिस्सा पार्क के लिए आरक्षित कर लेना चाहिए। इससे लोगों के वाहन सुरक्षित पार्किग हो सकेंगे।
एमजीएच में साइकिल स्टैंड की सुविधाओं का विस्तार जरूरी है। इससे वाहन सुरक्षित रह सकेंगे एवं चिकित्सालय परिसर में वाहन पार्किग व्यवस्था की सुधरेगी। Big hospital, yet where to park the vehicle at bhilwara
विठ्ठलशंकर अवस्थी, विधायक