हुआ यह कि शुक्रवार शाम लगभग 5:30 बजे एम्बुलैंस को बनेड़ा क्षेत्र के राक्षी गांव में प्रसव पीड़िता को अस्पताल में ले जाने के लिए भेजा गया। प्रसव पीड़िता लादी गुर्जर पति मुकेश गुर्जर (28) के साथ महिला की मां लाली गुर्जर वाहन में सवार हुईं। एम्बुलैंस महिला को लेकर गांव से डेढ़ किलोमीटर दूरी तक गई थी कि लादी की स्थिति प्रसव के करीब पहुंच गई। एम्बुलैंस कर्मचारी स्थिति भांप घबरा गए, अस्पताल वहां से दूर था। सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे थे जिससे प्रसव पीड़िता को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सकता था। Birth of child in ambulance at Banera in Bhilwara
ऐसी स्थिति में 108 पायलट मुर्शिद खान ने सतर्कता दिखाते हुए रोड के किनारे एम्बुलैंस को खड़ा कर हालत को समझने को प्रयास करने लगे। इस समय एम्बुलैंस कर्मचारियों को दी गई ट्रेनिंग काम आई और परस्पर निर्णय लेकर इमरजेंसी मेडिकल ट्रेनर (ईएमटी) पंकज मेघवाल व चालक मुर्शिद खान ने सुरक्षित प्रसव कराने में अहम भूमिका निभाई। लादी ने बेटे ने जन्म दिया। प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को सुरक्षित देख उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। फिर वहां से दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनेड़ा पहुंचाया गया। Birth of child in ambulance at Banera in Bhilwara
ईएमटी के इस सराहनीय प्रयास पर टीम गर्व महसूस किया। अस्पताल प्रशासन इस प्रयास से गदगद है। कम्पाउण्डर श्याम लाल शर्मा ने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। एम्बुलैंस में उतनी सुविधाएं व ट्रेनर रहते हैं कि प्रसव कराया जा सकता है। इसमें सूझबूझ की जरूरत होती है। महिला की मां लाली गुर्जर ने बताया कि लादी का यह दूसरा बच्चा है। मां व नवजात बच्चा दोनों सुरक्षित हैं मेरे लिए यही काफी है। Birth of child in ambulance at Banera in Bhilwara