दरअसल शहर की हर पॉश कॉलोनी में घरों के बाहर कारों की कतारें नजर आती है। किसी घर के आगे एक तो किसी के दो और किसी-किसी के सामने तीन-तीन गाडि़यां पार्क की हुई दिखेगी। वस्त्रनगरी में दिनोदिन कारों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। गत पांच साल में निजी स्तर पर चौपहिया रखने वाले तेजी से बढ़े हैं। भीलवाड़ा शहर की आबादी अभी करीब पांच लाख है जबकि यहां करीब ५० हजार कारें हैं। मतलब हर दसवें शख्स के पास अपना चौपहिया वाहन है। इस वजह से अब शहर में ट्रैफिक जाम, प्रदूषण और अवैध पार्किंग जैसी समस्या तेजी से उभरकर सामने आ रही है। शहर में विशाल मेगा मार्ट, आजादनगर और कृषि उपज मंडी जैसे इलाके में व्यावसायिक वाहनों की संख्या भी अच्छी खासी है।
अच्छी सड़कें भी एक वजह
विशेषज्ञों की मानें तो उद्योग धंधों के लिहाज से बेहतर होने के कारण निजी वाहन रखने का चलन अधिक है। सार्वजनिक परिवहन के साधन नहीं होना भी खुद का वाहन खरीदने को प्रेरित करता है। इसके अलावा शहर में कारों की संख्या का ज्यादा होने का मुख्य कारण यहां की सड़कों की अच्छी स्थिति होना भी है।
विशेषज्ञों की मानें तो उद्योग धंधों के लिहाज से बेहतर होने के कारण निजी वाहन रखने का चलन अधिक है। सार्वजनिक परिवहन के साधन नहीं होना भी खुद का वाहन खरीदने को प्रेरित करता है। इसके अलावा शहर में कारों की संख्या का ज्यादा होने का मुख्य कारण यहां की सड़कों की अच्छी स्थिति होना भी है।
सुधार के लिए सुझाव
विशेषज्ञों का सुझाव है कि शहर को जाम, अवैध पार्र्किंग से बचाना है तो सार्वजनिक परिवहन के अच्छे साधन शुरू करने होंगे। बेहतर पार्किंग खासकर प्रमुख बाजारों में बनानी होगी। वहीं पर्यावरण को लेकर काम कर रहे एक्सपर्ट चाहते हैं कि कारों की संख्या घटे ताकि वायु व ध्वनि प्रदूषण कम किया जा सके।
इन इलाकों में ज्यादा कारें
शहर की पॉश कॉलोनी आरसी व्यास, आरके कॉलोनी, शास्त्रीनगर, सुभाषनगर, आजादनगर, चंद्रशेखर नगर आदि में उच्च ही नहीं बल्कि मध्य आय वर्ग के तकरीबन हर व्यक्ति के पास अपनी कार है। इन इलाकों में घरों में पर्याप्त पार्र्किंग नहीं होने पर बाहर सड़क पर गाडि़यां खड़ी मिलती है।
पार्किंग व अन्य सुविधाएं जरूरी
शहर में बढती कारों व अन्य वाहनों की संख्या को देखते पार्किं ग विकसित करने की आवश्यकता है। एक्सपर्ट कहते हैं तीन तरह की पार्किं ग होनी चाहिए। सार्वजनिक, निजी और पब्लिक- प्राइवेट पार्टनरशिप में पार्र्किंग हो। ट्रैफिक नियमों का भी सख्ती से पालन हो। शहर में ट्रैफिक लाइटों का शुरू होना जरूरी है।
कु ल पंजीकृ त वाहन
मार्च 2021 तक
दोपहिया वाहन – 6,81,661
कार – 49,455
जीप – 29,295
टैक्सी – 3,075
टेम्पो – 5,948
आटोरिक्शा – 4,746
कुल वाहन – 8,65,413
डीटीओ ने बताई ये वजह
भीलवाड़ा टेक्सटाइल का बड़ा केंद्र है। बिजनेस सिटी होने के कारण कारों की संख्या अधिक है। उद्योग धंधे होने के कारण व्यापारिक वाहन भी बढ़ रहे हैं। यहां का पंजीयन नंबर अच्छा होने के कारण बाहर से आए लोग भी भीलवाड़ा में वाहन खरीदने को प्राथमिकता देते हैं। शहर में चारों तरफ हो रहा विकास और अच्छी सड़कें भी कारों की संख्या बढ़ाने में भूमिका अदा कर रही है।
– वीरेन्द्र सिंह राठौड़, जिला परिवहन अधिकारी, भीलवाड़ा
– वीरेन्द्र सिंह राठौड़, जिला परिवहन अधिकारी, भीलवाड़ा