jasraj ojha भीलवाड़ा. उपनगर पुर के मकानों में आ रही रहस्यमयी दरारों की जांच शुरू हो गई है। केन्द्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान और केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान तथा आइआइटी रुड़की की टीमें अगले तीन माह में दरारों के कारणों का पता लगाएगी। हाल ही घटारानी माता के मंदिर में ग्रामीणों के सामने निष्पक्ष जांच की शपथ लेकर एंजेंसियों ने जांच शुरू की है। पुर व आसपास क्षेत्र के पानी, मिट्टी, जिंदल सॉ लिमिटेड की खदानों में की जा रही ब्लॉस्टिंग की जांच कर करीब तीन माह में प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।ग्रामीणों का आरोप है कि दरारों का कारण नजदीक ही जिंदल सॉ लिमिटेड की खदानों में ब्लास्टिंग है। हालांकि इससे पहले कराई गई पांच विभागों की जांच में दरारों के कारण अलग-अलग माने गए। पुर में कुल ५०२६ मकान हैं। इनमें से ४१०० में दरारें हैं। इनमें से ३४१ मकानों को अति जर्जर मानकर खाली करने का नोटिस दिया है। ये मकान गिरने के कगार पर हैं, लेकिन लोग मकान खाली नहीं कर रहे। लोग मकान खाली करने से पहले नकद मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
प्रशासन ने दिए राहत के तीन विकल्प
पुर के बाशिंदों को जिला प्रशासन ने तीन विकल्प दिए हैं। पहला तो प्रारंभिक तौर पर ९५ हजार १०० रुपए की आर्थिक मदद, दूसरा पटेलनगर में रियायती दर पर भूखंड तथा तीसरा हाउसिंग बोर्ड के मकान रियायती दर पर देने को तैयार है। पुरवासी प्रशासन की शर्तों को नहीं मान रहे हैं। वे मकानों में नुकसान के बदले नि:शुल्क भूखंड मांग रहे हैं। पुर के धर्म स्थलों को भी नुकसान हुआ है। इनकी मरम्मत कराने का जिम्मा नगर विकास न्यास ने लिया है।
८० से ज्यादा ज्ञापन, हर दिन वीआइपी दौरे
पुरवासियों ने राहत के लिए लंबा आंदोलन किया है। अब तक ८० से ज्यादा ज्ञापन दिए गए हैं। स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता राजेंद्र राठौड़ सहित भाजपा के पांच पूर्व मंत्री आ चुके हैं। इस मामले को लेकर शहर विधायक विट्ठलशंकर अवस्थी ने कलक्ट्रेट के बाहर ४९ दिन धरना दिया था।
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