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छठ पूजा : अस्ताचलगामी सूर्य को अर्पित किया अर्घ्य

locationभीलवाड़ाPublished: Nov 14, 2018 01:30:00 am

Submitted by:

mahesh ojha

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chhath pujan in Bhilwara

chhath pujan in Bhilwara

भीलवाड़ा।

सांझ ही देब हम अरघिया, भोरे उठि हम मांगब जरूर…, हाजीपुर लगल बजरिया, उई में केला बिकाय…, बाट ही पूछ, ए बटोहिया, इ भार किनकर जाए, अंधा तू होइहे रे बटोहिया, इ भार छठि मैया के जाए…। यहां के जलस्रोतों के घाट मंगलवार शाम बिहार व उत्तर प्रदेश के लोक गीतों से गुंजायमान हो उठा। मानो बिहार और उत्तर प्रदेश की पारपरिक छंटा बिखर गई हों। अवसर था डाला छठ का।
वस्त्रनगरी में रहने वाले बिहार व उत्तर प्रदेश के परिवारों ने सुख-समृद्धि और निरोगी काया के लिए श्रद्धा के साथ चार दिवसीय डाला छठ के तीसरे दिन मंगलवार को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अघ्र्य अर्पित किया। अपराह्न बाद छठव्रत धारी महिलाएं शहर के प्रतापनगर के जलस्रोत वाटर वक्र्स, नेहरू तलाई, मानसरोवर झील के घाटों की ओर रवाना हुई। युवक सिर पर टोकरा लिए नंगे पाव चल रहे थे। महिलाएं हाथों में घी का दीपक लिए व गीत गाते जलस्त्रोत पहुंची। महिलाएं व युवतियां छठ मैया के गीत गा रही थीं। घाटों पर पहुंचने के बाद स्नान कर घरों में बने दूध-दही, पंचमेव, नारियल, ठेकुआ और केले के घौंद के साथ सूर्य नारायण को अघ्र्य दिया।
बापूनगर के महादेवी वर्मा उद्यान के कुंड में भी कई परिवारों ने अघ्र्य अर्पित किया। इन जलस्त्रोतों पर बच्चे व युवतियां नए वस्त्रों मेंं परिवार के साथ आए तथा आतिशबाजी की। वाटर वक्र्स में तोरणद्वार बनाए और आकर्षक सजावट की गई थी। कुण्ड के चारो ओर रोशनी थी।

टैंक की नहीं हुई सफाई


वाटर वक्र्स के टैंक की सफाई नहीं होने तथा पानी की कमी से महिलाओं को परेशानी हुई। कई लोगों ने जिला प्रशासन को कौसा भी। हालांकि टैंक के बाहर सफाई की गई थी।

उदयगामी सूर्य को अर्घ्य आज

छठव्रती महिलाएं बुधवार सुबह उदयगामी भगवान सूर्य को इन्हीं प्रसादों के साथ बारी-बारी से अघ्र्य अर्पित करेंगी। इसी के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन होगा।


प्रसाद में इनका लगाते है भोग
लोक आस्था के प्रसिद्ध पर्व डाला छठ मनाने के लिए दिन भर छठ प्रसाद बनाया गया। प्रसाद के रूप में ठेकुआ, जिसे कुछ क्षेत्रों में टिकरी भी कहते हैं। इसके अलावा चावल के लड्डू जिसे लड़ुआ और भूस्वा भी कहा जाता है, बनाते हैं। चढ़ावा के रूप में केला, सेव, अनार, पानी वाला नारियल, निम्बू, ईंख, सीताफल इत्यादि के अलावा सीजनल सब्जी में शकरकंद, सुथनी, पत्ते लगे हल्दी, मूली, सरकंद आदि की व्यवस्था कर बांस की बनी डाला सुप में सजा कर शाम को व्रती के साथ परिवार तथा पड़ोस के लोग अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य देने घाट की ओर जाते है। पूर्वांचल जन चेतना समिति ने नेहरू तलाई घाट पर अर्चना दुबे के नेतृत्व में श्रद्धालुओं का स्वागत किया। अपर जिला न्यायाधीश चन्द्रप्रकाश सिंह ने श्रद्धालुओं को पर्व की बधाई व सूर्यदेव को अध्र्य दिया। सचिव सुनील झा एवं संस्था संरक्षक नन्दकुमार सिंह ने श्रद्धालुओं का अभिनन्दन किया। कमलेश झा, कृष्णानन्द महाराज, अरूण राय, दयाराम यादव, राजेश गुप्ता, महेश चौधरी, सुधीर झा, अशोक मिश्रा, मुकेश चौधरी, मोनु दुबे, मधु श्रीवास्तव, संगीता देवी, विभा देवी, सुग्रीव यादव, धर्मेन्द्र भारती, जयन्ती देवी, रंजना झा आदि मौजूद थे।

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