बाहरी लोग कॉलोनी के भीतर आते हैं और मलमूत्र करते हैं। यहां की नालियां साफ करने के लिए नगर परिषद के कर्मचारी आते ही नहीं। बिजली पानी की सुविधा भी नाम मात्र की है। यहां के आवास भी अब जर्जर होने लगे हैं।
चालीस साल पुरानी कॉलोनी
अजमेर चौराहा पुलिया से सटे एवं जिला कारागार के पीछे िस्थत कॉलोनी का इतिहास करीब चालीस साल पुराना है। वक्त बीतने के साथ साथ यहां कॉलोनी की कायापलट होने के बजाए हालत बदतर होते गए। यहां कॉलोनी में राजकीय कर्मचारी के परिवार ही रहते हैं।
कॉलोनी में घुस जाते है शराबी
कॉलोनी निवासी लक्षिता नगारची एवं सुशीला सेन आदि ने बताया कि कॉलोनी का प्रवेश अजमेर चौराहा की तरफ से होता है, लेकिन यहां मुख्य गेट नहीं होने से आवारा तत्व व शराबी तक घुस आते हैं। यहां चौराहे पर बसों की प्रतीक्षा करने वाले लोग भी लघु शंका व शौचालय के लिए कॉलोनी में आ जाते हैं। यहां की नालियों की सफाई के लिए कर्मी नहीं आते हैं। वे स्वयं करवाते हैं। कॉलोनी के रास्ते में ही वाहनों का जमावड़ा रहता है। इससे आने जाने में भी दिक्कतें होती है।
पार्क उजड़ा, बिजली की लाइन में शॉर्ट सर्किट
स्थानीय निवासी सतीश कुमार बताते हैं कि यहां अजमेर पुलिया के सहारे कॉलोनी की तरफ नगर विकास न्यास ने तिकोना पार्क बनवाया था, लेकिन निर्माण के बाद उसकी सुुध नहीं ली। यह पार्क जंगल में तब्दील है और कचरे का ढेर रहता है। यहां से गुजर रही उच्च क्षमता की लाइनों में कई बार शार्ट सर्किट होता है। इससे उठी चिनगारियों से आग भी लग जाती है। एक नहीं कई बार कॉलोनी के इलेक्ट्रोनिक उपकरण भी नष्ट हुए हैं।
अघोषित पार्किग, खुले में मूत्रालय
यहां के परिवार बताते हैं कि कॉलोनी का मुख्य रास्ता अतिक्रमण की चपेट में है। अजमेर चौराहा से आसपास के कस्बों में जाने वाले लोगों ने भी यहां अघोषित पार्किग बना रखी है। इससे भी यहां वाहन कॉलोनी में आने जाने वालों का रास्ता रोकते हैं। समीप ही लोगों ने ओपन मूत्रालय बना रखा है, इससे भी यहां गदंगी फैली रहती है।