थानाप्रभारी सुशीला काठात ने बताया कि भीमपुरा निवासी मोहब्बत खां का भूखंड है। भूखंड के निकट चरागाह की जमीन पर मोहम्मद खां ने निर्माण सामग्री डाल दी। इसका भंवरू खां और उसके भाई फय्याज ने विरोध किया। उसके बाद तहसीलदार ने अतिक्रमण हटा दिया था। मोहब्बत खां रविवार को कब्जा शुद्धा भूखंड पर निर्माण सामग्री डाल रहे थे। इस पर भंवरू खां ने बनेड़ा थाना पुलिस को दुबारा अवैध निर्माण की शिकायत की। शिकायत पर थानेदार काठात, सहायक उपनिरीक्षक ओमप्रकाश व दीवान बाबू लाल और जाप्ता वहां पहुंचा।
पुलिस ने रुकवा काम थानाप्रभारी काठात ने मौके पर काम रुकवा दिया व पटवारी तथा पटवारी को बुलाकर सीमाज्ञान करवाया। दोनों पक्ष आपस में उलझें नहीं, इसके लिए एएसआइ ओमप्रकाश और जाप्ते को वहीं छोड़कर काठात थाने लौट गई। काठात के जाने के बाद फय्याज खां और उसके रिश्तेदार मोहब्बत खां के भूखंड पर रखे पत्थरों को बाहर फेंकने लग गए। मोहब्बत खां थाने पहुंचे। वह शिकायत कर वापस भीमपुरा आ गया।
मौके पर भिड़े, बड़ी संख्या में आ गए समर्थक पुलिस जाप्ते की मौजूगी में फय्याज और मोहब्बतआपस में झगड़ पड़े। दोनों पक्षों रिश्तेदार व समर्थक वहां आ गए। देखते ही देखते मारपीट शुरू हो गई। दोनों पक्ष लाठियां, तलवारें लेकर एक-दूसरे पिल पड़े। वहां रखी ईंटें फेंकने लगे। मुठ्टीभर जाप्ता कुछ नहीं कर पाया। गांव में हुए खूनी संघर्ष के दौरान इरफान खान ने बंदूक ले आया। पुलिसकर्मी उसे हाथ का इशारा कर रोकता रहा, लेकिन उसने शौकत खां पर फायर कर दिया। इससे दहशत फैल गई। सूचना पर थानाप्रभारी काठात अतिरिक्त जाप्ता लेकर वहां पहुंची। दोनों पक्षों के १२ जनों को हिरासत में लिया। घायलों को बनेड़ा अस्पताल लाया गया।
यह हुए घायल
हमले में भीमपुरा निवासी एजाज खां कायमखानी, इरफा कायमखानी, गुलसेर खां, जुनेद खां, इफतेखार, सलीम कायमखानी, शौकत खां तथा इस्लाम घायल हुए। इनको भीलवाड़ा रैफर किया।
शांतिभंग में दिखाई हवालात पुलिस ने शांतिभंग के आरोप में लाम्बिया स्टेशन निवासी पप्पू खां, शाहील, वसीम, अनीश कायमखानी, सोयल, अल्ताफ, शाहरूख, आबिद खां, अलीनगर निवासी बरकत खां, भीमपुरा निवासी अब्बास खां, मोहब्बत खां तथा अरणियाा घोड़ा निवासी यासीन को गिरफ्तार किया। पुलिस ने मोहम्मद अनीस खां और मोहम्मद खां की ओर से परस्पर मारपीट और हमले की रिपोर्ट दी गई।
25 मिनट घटनाक्रम, एएसआई बाल-बाल बचा
भीमपुरा में पूरा घटनाक्रम 25 से 30 मिनट तक चलता रहा। कानून का माखौल उड़ता रहा। पुलिस के रोकने के बाद भी आरोपी नहीं माने। खून-खराबा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। इस दौरान एएसआई समेत कुछ पुलिसकर्मी हमले में बाल-बाल बचे।
ट्रैक्टर चढ़ा दिया, कार को टक्कर मारी
एक पक्ष के लोगों ने ट्रैक्टर स्टार्ट कर दिया। दूसरे पक्ष की कार को टक्कर मार दी। परिवार पर ट्रैक्टर चढ़ाकर मारने का प्रयास किय