ऑनलाइन का क्लिक खो गया फाइलों में
- ऑनलाइन गिरदावरी, नक्शा, नकल व जमाबंदी के लिए भूनक्शा पोर्टल
- लाखों किसानों को फि लहाल नहीं मिलेगा लाभ
-16 तहसीलों में से मात्र बदनोर हुई ऑनलाइन

भीलवाड़ा।
ऑनलाइन गिरदावरी, नक्शा, नकल व जमाबंदी के लिए भू-नक्शा पोर्टल की शुरुआत कर दी गई, लेकिन इसका फायदा जिले किसानों को नहीं मिल सकेगा। इसके लिए किसानों को एक साल का और इन्तजार करना पड़ेगा। यह सिस्टम लागू होने पर किसानों को पटवारी के यहां चक्कर काटने से निजात मिलेगी।
हाल ही भू-नक्शा ई-वेब पोर्टल व सहकारी बैंकों से कृषि ऋण के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया की शुरुआत की गई है। जिले की सभी १६ तहसीलों की पड़ताल में सामने आया कि चार सालों से तहसीलों के रिकार्ड ऑनलाइन करने का काम चल रहा था, लेकिन आसीन्द तहसील के बदनोर का रिकॉर्ड ही ऑनलाइन हुआ है।
चार साल पहले ई-धरती प्रोजेक्ट के तहत किसानों के राजस्व रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। प्रोजेक्ट को 2017 तक पूरा किया जाना था, लेकिन अब तक यह काम पूरा नहीं हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि फूलिया कलां, शाहपुरा, आसीन्द तथा हमीरगढ़ का काम हो गया, लेकिन भू-नक्शा अपलोड नहीं किया जा सका है। कोटड़ी व जहाजपुर अगस्त तक व शेष तहसीलें इस साल के अन्त तक ऑनलाइन होंगी।
ये होंगे फायदे
- ई-धरती सॉफ्टवेयर के लिए खातेदारों का रिकॉर्ड अलग-अलग किया जा रहा है। एक खसरे में पांच हिस्सेदार हैं, तो पांचों खातेदारों के नाम के साथ उनके हिस्से में आने वाली जमीन हैक्टेयर में दिखाई जाएगी। खसरा नंबर के साथ नक्शा और गिरदावरी भी जोड़ी जा रही है। किसान जरूरत के मुताबिक एक साथ रिकॉर्ड निकलवा सकेंगे।
- केसीसी बनाने या बढ़वाने। समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए जमाबंदी के साथ गिरदावरी नकल, भू-नक्शा से निकाला जा सकेगा। वर्तमान में इन कार्यों के लिए पटवारी के यहां चक्कर काटने पड़ते हैं।
- रिकार्ड के ऑनलाइन होने से पटवारियों के काम में गति आएगी। मैनुअली रिकॉर्ड दर्ज करने के बाद डाटा ऑनलाइन करना होता है।
- जमीन की खरीद या बेचान की रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी। इसके बाद पटवारी की ओर से सत्यापन कर दिए जाने पर रिकॉर्ड अपडेट होगा।
- पटवारघरों को भी ऑनलाइन करने की योजना है। पटवारियों को लेपटॉप देकर या अटल सेवा केंद्र से जोड़ा जा सकेगा।
चल रहा है कार्य
तहसीलों का रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जा रहा है। बदनोर तहसील ऑनलाइन हो चुकी है। सभी तहसीलों को शीघ्र ऑनलाइन कर दिया जाएगा।
टीना डाबी, उपखंड अधिकारी, भीलवाड़ा
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