READ: मंत्री की नाराजगी के बाद यूआईटी को बदलनी पड़ी व्यवस्था, अब तीन बजे के पहले भी आ सकते हैं फरियादी उन्होंने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ.एसपी आगीवाल से कहा कि गायनिक डॉक्टर लगाकर प्रसूताओं को राहत दिलाएं। अभी छह गायनिक डॉक्टर मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में कार्यरत है। दो टे्रनिंग पर गए हैं। कलक्टर ने टे्रनिंग से लौटते ही सोनोग्राफी में डॉक्टर लगाने के आदेश दिए। उन्होंने मरीजों से बात भी की।
READ: कचरे के ढेर में इसे पड़ा देखकर लग गया लोगों का हुजूम, इसे जानकर आप भी चौक जाएंगे कलक्टर ने मरीजों से की बात
कलक्टर त्यागी सबसे पहले आउटडोर पहुंची, जहां चिकित्सकों के आगे मरीजों की कतार लगी थी। वे फिर एमसीएच पहुंची, जहां ऑपरेशन थियटर, प्रसूता वार्ड, शिशु वार्ड का निरीक्षण किया। कार्डिंक, मेल सर्जिकल, मेल मेडिकल, बर्न यूनिट समेत मदर मिल्क बैंक भी गई। वार्डों में भर्ती मरीजों से बातचीत भी की। अस्पताल में सफाई व्यवस्था का भी जायजा लिया।
कलक्टर त्यागी सबसे पहले आउटडोर पहुंची, जहां चिकित्सकों के आगे मरीजों की कतार लगी थी। वे फिर एमसीएच पहुंची, जहां ऑपरेशन थियटर, प्रसूता वार्ड, शिशु वार्ड का निरीक्षण किया। कार्डिंक, मेल सर्जिकल, मेल मेडिकल, बर्न यूनिट समेत मदर मिल्क बैंक भी गई। वार्डों में भर्ती मरीजों से बातचीत भी की। अस्पताल में सफाई व्यवस्था का भी जायजा लिया।
कार्डियक वार्ड में कलक्टर ने मरीज की कुशलक्षेम पूछी। गणेश उत्सव सेवा समिति अध्यक्ष उदयलाल समदानी से अस्पताल में स्वयंसेवी संगठनों की ओर दी जा रही सुविधाएं और गोद लिए वार्ड के विकास पर चर्चा की। पीएमओ आगीवाल ने बताया कि मेडिकल कॉलेज को हरीझण्डी मिल गई है। इस सत्र से पढ़ाई शुरू हो जाएगी।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने 5 जून के अंक में ‘डॉक्टर रोज लिखते 70 से 100 सोनोग्राफी, आधी जांच भी नहीं हो पाती, 4 दिन करना पड़ता इंतजार शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर सोनोग्राफी कराने आने वाले मरीजों की पीड़ा को उजागर किया था। इसे देखते हुए खासतौर से कलक्टर सोनोग्राफी की व्यवस्था देखी।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने 5 जून के अंक में ‘डॉक्टर रोज लिखते 70 से 100 सोनोग्राफी, आधी जांच भी नहीं हो पाती, 4 दिन करना पड़ता इंतजार शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर सोनोग्राफी कराने आने वाले मरीजों की पीड़ा को उजागर किया था। इसे देखते हुए खासतौर से कलक्टर सोनोग्राफी की व्यवस्था देखी।