नहीं टिक रहे अभियंता
परिषद में अभियंताओं की भारी कमी है। माहौल ठीक नहीं होने से यहां कोई काम नहीं करना चाहता। अधिशासी अभियंता के दो पद हैं। अखेराम बड़ोदिया व जगदीश पलसानिया की यहां से ही पदोन्नति हुई है। सहायक अभियंता के पांच पदों में से केवल एक पवन नुवाल कार्यरत है। कनिष्ठ अभियंता के १४ पद हैं। इनमें से तीन पर सुरेश गर्ग, अजयपाल व मनीष श्रीवास्तव कार्यरत हैं। श्रीवास्तव का तबादला हो चुका है, लेकिन उन्हें रिलीव नहीं किया है।
परिषद में अभियंताओं की भारी कमी है। माहौल ठीक नहीं होने से यहां कोई काम नहीं करना चाहता। अधिशासी अभियंता के दो पद हैं। अखेराम बड़ोदिया व जगदीश पलसानिया की यहां से ही पदोन्नति हुई है। सहायक अभियंता के पांच पदों में से केवल एक पवन नुवाल कार्यरत है। कनिष्ठ अभियंता के १४ पद हैं। इनमें से तीन पर सुरेश गर्ग, अजयपाल व मनीष श्रीवास्तव कार्यरत हैं। श्रीवास्तव का तबादला हो चुका है, लेकिन उन्हें रिलीव नहीं किया है।
सफाई विभाग जुगाड़ पर
स्वास्थ्य अधिकारी का पद लंबे समय से रिक्त है। इसका चार्ज अधिशासी अभियंता बड़ोदिया के पास है। सफाई निरीक्षक के सभी १२ पद खाली हैं। मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक का एक पद भी खाली है। एेसे में सफाई व्यवस्था बिगड़ी हुई है।
राजस्व व कर निर्धारण में भी समस्या
परिषद में राजस्व अधिकारी के दोनों पद खाली हैं। इसमें राजस्व निरीक्षक सोहेल शेख के पास चार्ज है। कर निर्धारक के साथ ही सचिव का पद भी लंबे समय से खाली है।
कैसे हो पार्कों की देखरेख
उद्यान अधीक्षक का पद लंबे समय से रिक्त है। यह काम बाबुओं के भरोसे है। शहर में १५० से ज्यादा पार्क है। एेसे में इनकी देखरेख समय पर नहीं हो पाती है। कई पार्क उजाड़ पड़े हैं।नहीं है फायर अधिकारी फायर अधिकारी भी नहीं है। फायरमैन के जितने पद स्वीकृत हैं उतने कार्यरत नहीं हैं। बाहरी लोगों को बुलाकर काम कराना पड़ता है।
स्वास्थ्य अधिकारी का पद लंबे समय से रिक्त है। इसका चार्ज अधिशासी अभियंता बड़ोदिया के पास है। सफाई निरीक्षक के सभी १२ पद खाली हैं। मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक का एक पद भी खाली है। एेसे में सफाई व्यवस्था बिगड़ी हुई है।
राजस्व व कर निर्धारण में भी समस्या
परिषद में राजस्व अधिकारी के दोनों पद खाली हैं। इसमें राजस्व निरीक्षक सोहेल शेख के पास चार्ज है। कर निर्धारक के साथ ही सचिव का पद भी लंबे समय से खाली है।
कैसे हो पार्कों की देखरेख
उद्यान अधीक्षक का पद लंबे समय से रिक्त है। यह काम बाबुओं के भरोसे है। शहर में १५० से ज्यादा पार्क है। एेसे में इनकी देखरेख समय पर नहीं हो पाती है। कई पार्क उजाड़ पड़े हैं।नहीं है फायर अधिकारी फायर अधिकारी भी नहीं है। फायरमैन के जितने पद स्वीकृत हैं उतने कार्यरत नहीं हैं। बाहरी लोगों को बुलाकर काम कराना पड़ता है।
अधिकारियों व कर्मचारियों की भारी कमी है। काम का बोझ ज्यादा है। इसलिए कई अधिकारी ज्यादा समय तक नहीं रह पाते हैं। रिक्त पद भराने का प्रयास किया जाएगा, ताकि जनता के काम हो सके।
ललिता समदानी, सभापति, नगर परिषद