भीलवाड़ा

इस नगर परिषद में ताश के पत्तों की तरह बदलते हैं आयुक्त व अभियंता

patrika.com/rajsthan news

भीलवाड़ाOct 15, 2019 / 05:31 pm

jasraj ojha

Commissioners and engineers change like cards in this city council


भीलवाड़ा. शहर के विकास का जिम्मा संभालने वाली नगर परिषद खुद ही राजनीतिक अभिशाप से त्रस्त है। यहां आयुक्त की कुर्सी पर जो अधिकारी आए वे जल्दी-जल्दी बदलते रहे। सवा चार साल में दस आयुक्त बदल चुके हैं। यही हाल अभियंताआें व अन्य अधिकारियों का भी है। यहां सचिव, कर निर्धारक, राजस्व अधिकारी, उद्यान अधीक्षक, स्वास्थ्य अधिकारी, फायर अधिकारी के पद भी खाली होने से शहर के विकास को गति नहीं मिल पा रही है।स्वायत्त शासन विभाग ने हाल ही नारायणलाल मीणा का चित्तौडग़ढ़ से तबादला किया है। पहले जो आयुक्त रहे उनमें और सभापति ललिता समदानी में अनबन भी रही। एेसे में शहर के विकास का विकास अवरुद्ध रहा। परिषद में आए दिन विवाद होते थे। अब सभापति समदानी कांग्रेस में शामिल हो गई हैं। एेसे में शहरवासियों को उम्मीद है कि परिषद में विकास के कार्य करवाएगी। गौरतलब है कि हालिया आयुक्त दुर्गा कुमारी व सभापति एवं कर्मचारियों में पटरी नहीं बैठी। माना जा रहा है कि इसी कारण उनका जल्दी तबादला हो गया।
नहीं टिक रहे अभियंता
परिषद में अभियंताओं की भारी कमी है। माहौल ठीक नहीं होने से यहां कोई काम नहीं करना चाहता। अधिशासी अभियंता के दो पद हैं। अखेराम बड़ोदिया व जगदीश पलसानिया की यहां से ही पदोन्नति हुई है। सहायक अभियंता के पांच पदों में से केवल एक पवन नुवाल कार्यरत है। कनिष्ठ अभियंता के १४ पद हैं। इनमें से तीन पर सुरेश गर्ग, अजयपाल व मनीष श्रीवास्तव कार्यरत हैं। श्रीवास्तव का तबादला हो चुका है, लेकिन उन्हें रिलीव नहीं किया है।
सफाई विभाग जुगाड़ पर
स्वास्थ्य अधिकारी का पद लंबे समय से रिक्त है। इसका चार्ज अधिशासी अभियंता बड़ोदिया के पास है। सफाई निरीक्षक के सभी १२ पद खाली हैं। मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक का एक पद भी खाली है। एेसे में सफाई व्यवस्था बिगड़ी हुई है।
राजस्व व कर निर्धारण में भी समस्या
परिषद में राजस्व अधिकारी के दोनों पद खाली हैं। इसमें राजस्व निरीक्षक सोहेल शेख के पास चार्ज है। कर निर्धारक के साथ ही सचिव का पद भी लंबे समय से खाली है।
कैसे हो पार्कों की देखरेख
उद्यान अधीक्षक का पद लंबे समय से रिक्त है। यह काम बाबुओं के भरोसे है। शहर में १५० से ज्यादा पार्क है। एेसे में इनकी देखरेख समय पर नहीं हो पाती है। कई पार्क उजाड़ पड़े हैं।नहीं है फायर अधिकारी फायर अधिकारी भी नहीं है। फायरमैन के जितने पद स्वीकृत हैं उतने कार्यरत नहीं हैं। बाहरी लोगों को बुलाकर काम कराना पड़ता है।

अधिकारियों व कर्मचारियों की भारी कमी है। काम का बोझ ज्यादा है। इसलिए कई अधिकारी ज्यादा समय तक नहीं रह पाते हैं। रिक्त पद भराने का प्रयास किया जाएगा, ताकि जनता के काम हो सके।
ललिता समदानी, सभापति, नगर परिषद
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