भीलवाड़ा

कोरोना पीडित बोला, पत्नी को उलाहना दिया तो आंख भर आई

कोरोना के खिलाफ बांगड होस्पीटल के नर्सिग कर्मी सुभाषनगर निवासी राजमल शर्मा ने बड़ी जंग जीती। पॉजिटिव से नेगेटिव होने के बाद सुभाषनगर स्थित आवास पर लौटने पर पत्रिका ने बातचीत की तो शर्मा की आंख भर आई। वो बोले कोरोना महामारी से ज्यादा पीड़ा उस वक्त हुई जब एमजीएच आईसोशलन में उपचार के दौरान सुना की पत्नी सरिता शर्मा को क्षेत्र में सर्वाधक प्रताडऩा मिली।
Corona said the victim, she cried and woke up
 

भीलवाड़ाApr 05, 2020 / 07:24 pm

Narendra Kumar Verma

Corona said the victim, she cried and woke up

भीलवाड़ा। कोरोना के खिलाफ बांगड होस्पीटल के नर्सिग कर्मी सुभाषनगर निवासी राजमल शर्मा ने बड़ी जंग जीती। पॉजिटिव से नेगेटिव होने के बाद सुभाषनगर स्थित आवास पर लौटने पर पत्रिका ने बातचीत की तो शर्मा की आंख भर आई। वो बोले कोरोना महामारी से ज्यादा पीड़ा उस वक्त हुई जब एमजीएच आईसोशलन में उपचार के दौरान सुना की पत्नी सरिता शर्मा को क्षेत्र में सर्वाधक प्रताडऩा मिली। Corona said the victim, she cried and woke up
यहां दुकानदारों ने उसे सामान देने से मना कर दियाए क्षेत्र के लोगों ने किराए के मकान को छोड़ कर अन्यंत्र जाने का दबाव बनाया। शुक्र है मकान मालिक मुकेश शर्मा का जिन्होंने बुरे वक्त में साथ दिया और घर में रसोई का सामान भी पहुंचाया। वो बताते है कि पत्नी को बाद में 23 मार्च को होटल अलास्का स्थित क्ववारंटन में रखा गया। उसकी रिपोर्ट भी नेगेटिव आई और वो भी अब घर आ चुकी है।
दवा से ज्यादा आत्मबल से हुए ठीक
शर्मा बताते है कि उपचार के दौरान दवा से अधिक उनका आत्मबल और नर्सिग होने का अनुभव काम आया। विकट घड़ी में महात्मा गांधी चिकित्सालय की चिकित्सा टीमए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉण् राजन नंदाए अधीक्षक डॉण् अरुण गौड़ तथा नर्सिग टीम देवदूत बनी और उन्हें संभाला और जोश भराए उससे कोरोना के खिलाफ हमने जंग जीत ली। उपचार के दौरान हमें लगा ही नहीं हम कोरोना पीडित है।
Corona in bhilwara


सिर्फ दो घंटे का था बुखार
वो बताते है कि 18 मार्च से पहले उन्हें तेज बुखार आयाए हालांकि ये बुखार एक दो घंटे से अधिक नहीं रहा। श्वांस की तकलीफ कभी नहीं हुई। बांगड़ होस्पीटल के आईसीसीयू वार्ड के हम छह साथी को 18 मार्च को लगा कि कहीं हम पर कोरोना ने तो हमला नहीं कर दिया। हम सभी ब्लड के सेम्पल लेकर सबसे पहले एमजीएच पहुंचे और भर्ती हुए। इसके बाद में बांगड होस्पीटल के सीसीयू वार्ड समेत अन्य शाखाओं से भी चिकित्सक व नर्सिग पहुंचने लगे। 20 मार्च को पहली रिपोर्ट आई और मुझे व पांच अन्य की पॉजिटिव रिपोर्ट आई। हम घबराए नहीं। वो बताते है कि रिपोर्ट आने के बाद पॉजिटिव रोगियों को अलग रखा गया। यहां पर एसएमएस के ट्रीटमेंट उन्हें दिया गया। दिन में 20 से अधिक बार हाथ सेनेटराइज करतेए आपस में सभी दूरी रखते और खाने पीने में सावधानी बरतते थे।
bhilwara.. she cried and woke up

समय रहते संभाल लिया
वो बताते है कि भीलवाड़ा शहर में जिस प्रकार से शुरूआती पॉजिटिव रोगी मिलेंए उसे लगा कि भीलवाड़ा शहर देश में कोरोना पीडितों की सूची में टॉप रहेंगाए लेकिन जिला प्रशासन व चिकित्सा प्रबंधन ने जिस प्रकार से स्थिति को संभालीए उसके लिए हम सभी कृतज्ञ है।

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