कोरोना ने बिगाड़ी उद्योगों की चाल, उत्पादन 40 प्रतिशत से नहीं बढ़ रहा
भीलवाड़ाPublished: Aug 13, 2020 10:09:08 pm
यहीं हालात रहे तो दीपावली भी पीकी रहेगी
Corona spoils industry, production not growing by 40 percent in bhilwara
भीलवाड़ा .
कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन में वस्त्रनगरी के उद्योग व व्यापार की हालत पतली कर दी थी।
अब अनलॉक में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ते रहने से यहां अन्य प्रदेशों व महानगरों से औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधि, अधिकारी सहित उद्योगपति व व्यापारी नहीं आ रहे हैं। इसका सीधा प्रभाव यहां के उद्योग व व्यापार पर पड़ रहा है। हालात यही रहे तो आने वाली दीपावली भी ऐसी ही रहेगी।
प्रदेश की सबसे बड़ी औद्योगिक नगरी वस्त्रनगरी में इन दिनों कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है, इसके चलते यहां की औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन के बाधा आ रही है। उत्पादन से अधिक परेशानी यहां कच्चे माल की आपूर्ति सहित तैयार माल को बेचने में आने लगी है। सभी औद्योगिक इकाइयां अपना उत्पादन आधा भी नहीं कर रही हैं। यही हाल स्पिनिंग का है। केवल कॉटन यार्न को छोड़कर किसी भी तरह के धागे का ज्यादा उत्पादन नहीं हो रहा है। ऐसे में इन मिलों का उत्पादन भी ४० प्रतिशत रह गया है। कपड़े का उत्पादन ८ करोड़ मीटर से कम होकर ४ करोड़ तक रह गया है। हालांकि शर्टिग में एक करोड़ मीटर का उत्पादन बढ़ा है। शर्टिग का काम कुछ व्यापारी ही कर पा रहे है।
बाहर से नहीं आ रहे प्रतिनिधि या एजेन्ट
जिले में कोरोना अधिक फैलने से बड़े औद्योगिक संस्थानों से कॉरपोरेट आफिसर व प्रबंधक आने से हिचकिचा रहे हैं जिनके नहीं आने से उत्पादन व बिक्री दोनों पर ही विपरीत प्रभाव पड़ा है। यहां डेनिम का उत्पादन करने वाले एक दर्जन से अधिक उद्योगों में अन्य ब्रांडेड कम्पनी के डेनिम का कपड़ा बन रहा था उसमें भी कमी आ रही है। इसके विपरित निर्यात ऑर्डर अच्छे मिलने से निर्यातकों को काम अच्छा चल रहा है।
थम गया कारोबार
कपड़ा व्यापारियों का कहना है कि भीलवाड़ा में कोरोना अधिक फैलने से व्यापारिक गतिविधियां थम गई हैं। जिले के अन्य भागों से व्यापारी ही भीलवाड़ा शहर में नहीं आना चाहते हैं। इसके चलते अन्य राज्यों से आने वाले कारोबारी शहर में नहीं आ रहे हैं। लॉक डाउन और कोरोना संक्रमण के केसों की संख्या से आर्थिक चक्र को ही गड़बड़ा दिया है।
कोरोना बढ़ा तो कारोबार ठप हो जाएगा
यह सही है कि भीलवाड़ा जिले में कोरोना संक्रमण के समय लॉक डाउन ने उद्योगों को प्रभावित किया। पहले कोरोना को रोकने के लिए भीलवाड़ा मॉडल बना था। अब पूरे देश में भीलवाड़ा का नाम कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण हो रहा है। इसके चलते यहां अब उद्योगपति, बड़े उद्योगों के अधिकारी व कारोबारी नहीं आ रहे हैं। ऑनलाइन का महत्व बढने के बाद भी बहुत से कारोबार ऐसे हैं जिसमें माल को देखकर सामने बैठकर डील होती है। इससे लगता है कि जितना जिले में कोरोना बढ़ेगा, उतना ही यहां का उद्योग व व्यापार रसातल में चलता चला जाएगा।
संजय पेडिवाल, अध्यक्ष सिन्थेटिक्स विविंग मिल्स एसोसिएशन