घर घर जाकर लगा रहे कोरोना वैक्सीन के टीके
भीलवाड़ाPublished: Sep 16, 2021 09:38:47 pm
ताकि तीसरी लहर में सभी रहें सुरक्षितजिले भर में काम कर रहीं 35 से अधिक मोबाइल टीमें
घर घर जाकर लगा रहे कोरोना वैक्सीन के टीके
भीलवाड़ा।
भीलवाड़ा जिला प्रदेश का ऐसा शहर व जिला है, जो कोरोना के शुरुआती कहर का शिकार हुआ और फिर जिस सलीके से उसने हालात को संभाला, तो ‘भीलवाड़ा मॉडलÓ के रूप में पूरे देश में चर्चित हो गया। अब जब कोरोना की दूसरी लहर थमी हुई है, तो तीसरी लहर से जिले को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अहम पहल की है। जिले में १७ ब्लॉक में करीब ३५ मोबाइल टीमें काम कर रही हैं, जो घर-घर जाकर लोगों से वैक्सीनेशन की न सिर्फ जानकारी ले रही हैं, बल्कि १८ साल से ज्यादा उम्र के ऐसे लोगों को तलाश कर वैक्सीन लगा रही हैं, जिन्हें अब तक वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगी। लोगों के घरों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए मोबाइल टीमों का भी गठन किया गया है। टीकाकरण करने वाली टीम अपने मोबाइल से ही व्यक्ति के नाम को भी पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर रही है।
डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन
आरसीएचओ डॉ. संजीव शर्मा ने बताया कि भीलवाडा़ जिले में १७ ब्लॉक है। हर ब्लॉक में दो-दो या कहीं तीन से चार मोबाइल टीमें काम कर रही हैं, जो घर-घर जाने के साथ सरपंच के कहने पर खेतों पर या अन्य स्थानों पर पहुंचकर लोगों को वैक्सीन लगाने का काम कर रही हैं। इस टीम में डॉक्टर, नर्सिग स्टॉफ, टीचर तथा वैक्सीनेशन केरियर शामिल हैं। यह टीम रास्ते में जो भी व्यक्ति या महिला, युवक, युवती जो १८ साल से अधिक उम्र के हैं, उन्हें रोक कर जानकारी लेती है और अगर उन्हें अभी तक पहला या दूसरा डोज का टीका नही लगा है, तो उन्हें टीका लगा रहे हैं। इसके साथ ही उनसे यह भी पूछा जा रहा है कि उनके घर में कितने सदस्य हैं तथा उन्होंने भी टीके लगाए हैं या नहीं। टीके नहीं लगाने पर उनके बताए स्थान पर जाकर भी टीके लगा रहे हैं। डॉ. शर्मा ने बताया कि जिले में कोरोना को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। घरों में वैक्सीन आसानी से पहुंच सके इसके लिए दो एंबुलेंस और अन्य वाहन की भी व्यवस्था की गई है।
७७ प्रतिशत को लगी पहली डोज
डॉ. शर्मा ने बताया कि जिले में अब तक १८ लाख ७८१८ लोगों के वैक्सीनेशन के मुकाबले १४ लाख से अधिक के टीके लगाकर ७७ प्रतिशत से अधिक का लक्ष्य हंसिल कर लिया गया है। इसमें सर्वाधिक ९३ प्रतिशत लक्ष्य हमीरगढ़ ने हासिल किया है। जबकि सुवाणा व भीलवाड़ा में ८९ प्रतिशत लोगों के टीके लग चुके हैं।