मौसम ठंडा होने के बाद सवाल उठ रहा है कि इससे कोरोना वायरस और खतरनाक होगा या नहीं। ऐसे में डाक्टरों का कहना है कि ठंडा मौसम वायरस संक्रमण के लिए अनूकुल रहता है, लेकिन कोरोना के मामले में अभी कोई स्टडी नहीं है। एक-दो दिन मौसम ठंडा रहने से वायरस एक्टिव नहीं होता। यह एक्टिव हुआ भी तो 14 दिन बाद ही लक्षण नजर आएंगे।
डाक्टरों का कहना है कि मौैसम कैसे भी रहे, लेकिन अपना व परिवार का ध्यान रखने के लिए घर से बाहर न निकले। तीन-चार दिन से लगातार मौसम बदल रहा है। यह कोरोना वायरस संक्रमण के लिए चिन्ता जनक है। कोरोना को रोकने के लिए ताममान 37 डिग्री से अधिक चाहिए जबकि अभी तापमान कम हो रहा है। ऐसे में कोरोना के साथ अन्य मौसमी बीमारी भी हो सकती है। ऐसे में सभी को सावधान होने की जरूरत है।
कोरोना वायरस को लेकर भीलवाड़ा में सबसे खतरनाक स्थिति है। भीलवाड़ा में कोरोना वायरस से संक्रमित 21 रोगी हो गए हैं, जिनमें से दो की गुरुवार को मौत हो गई। शहर में आठवें दिन भी कर्फ्यू जारी है। भीलवाड़ा में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा 21 मामले मिले हैं। जयपुर में 9, झुंझुनूं में 6, जोधपुर में 5, प्रतापगढ़ में 2 और पाली और सीकर में एक-एक संक्रमित मिला है।
संक्रमित दो लोगों की मौत ने पूरे राजस्थान की चिंताएं बढ़ा दी हैं। डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ कह रहे हैं कि कम्यूनिटी संक्रमण का यह खतरा पूरे राजस्थान के लिए बड़ी और घातक चुनौती है। वहीं दूसरी ओर झुंझुनूं और जयपुर के रामगंज में भी यही हालात खड़े हो गए हैं।
रामंगज क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद आसपास के क्षेत्र में और रामगंज क्षेत्र में रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है। लोगों का कहना है कि सरकार कहती रही कि सावधानी रखें, अपनी जांच खुद करें और लोगों से दूर रहें। लेकिन उसके बाद भी लोग मानने को तैयार नहीं हैं। पूरे राज्य में 22 मार्च से लॉकडाउन किया जा रहा है। साथ ही संक्रमितों का पता लगाने के लिए व्यापक जांच जारी है।