scriptcorruption in bhilwara एसीबी हैरान….कलक्टर ने क्या मेहरबानी दिखाई कि दो लाख में विदाई पार्टी का फण्ड | corruption in bhilwara ACB surprised .... what kindness did the collec | Patrika News

corruption in bhilwara एसीबी हैरान….कलक्टर ने क्या मेहरबानी दिखाई कि दो लाख में विदाई पार्टी का फण्ड

locationभीलवाड़ाPublished: Jan 21, 2022 11:38:54 am

Submitted by:

Akash Mathur

भीलवाड़ा तहसीलदार लालाराम यादव के घूस प्रकरण को लेकर मचा भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा। रिश्वत के मामले में पकड़े जाने के बाद तहसीलदार के घर से बरामद हुई ५ लाख ३७ हजार रुपए की नकदी के बारे में जयपुर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जवाब मांगा।

corruption in bhilwara ACB surprised .... what kindness did the collec

corruption in bhilwara ACB surprised …. what kindness did the collec

corruption in bhilwara भीलवाड़ा तहसीलदार लालाराम यादव के घूस प्रकरण को लेकर मचा भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा। रिश्वत के मामले में पकड़े जाने के बाद तहसीलदार के घर से बरामद हुई ५ लाख ३७ हजार रुपए की नकदी के बारे में जयपुर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जवाब मांगा। एसीबी ने कहा कि इतनी बड़ी रकम कहां से आई। तहसीलदार ने ब्यूरो को बताया कि इस रकम में दो लाख रुपए तत्कालीन कलक्टर शिवप्रसाद एम नकाते की फेयरवेल पार्टी (विदाई समारोह) के थे।corruption in bhilwara
एसीबी ने कहा कि कलक्टर ने एेसी क्या मेहरबानी दिखाई की दो लाख का चंदा जुटाया। इस बात को लेकर लालाराम के पास कोई जवाब नहीं था। उससे फिर क्रॉस प्रश्न क्या तो वह बगले झांकने लगा। मालूम हो, टे्रप से ठीक एक दिन पहले भीलवाड़ा के तत्कालीन जिला कलकटर नकाते का तबादला रीको में कार्यकारी निदेशक के रूप में हो गया था। एसीबी सूत्रों के मुताबिक तहसीलदार का कहना था कलक्टर के तबादले के बाद उनको विदाई दी जानी थी। इसलिए अधिकारियों से चंदा करके दो लाख रुपए की राशि एकत्र हुई। अफसरों से राशि एकत्र कर विदाई समारोह के आयोजन का जिम्मा उसी पर था। एेसे में घर से बरामद राशि में दो लाख रुपए इस बात के रखे थे। इस राशि में किस-किस अफसरों की सहभागिता रही और दो लाख रुपए का खर्चा कहां होना था इसे लेकर अब एसीबी विस्तृत जांच में जुटी है। उधर, एसीबी ने तहसीलदार से प्रश्न किया कि तबादला एक प्रोसेस है। एेसे में इतनी बड़ी रकम विदाई समारोह में खर्चा करने का मकसद क्या था। हालांकि इसका जवाब तहसीलदार नहीं दे पाया। तहसीलदार की गिरफ्तारी के बाद कृषि उपज मण्डी स्थित ब्यूरो की विशेष शाखा में उससे गहनता से पूछताछ हुई। तहसीलदार से दो लाख किन-किन अफसरों लिए। इस बारे में सूची मांगी गई। तहसीलदार की बात से एसीबी ने प्रशासनिक अधिकारियों को भी रडार पर ले रखा है। बड़े अफसरों की भूमिका के बारे में जांच चल रही है। उधर, शेष तीन लाख रुपए के बारे में तहसीलदार का कहना था कि यह राशि अर्पित नामक व्यक्ति से उधार ली थी। उधार का कारण पूछने पर किसी जमीन का सौदा लेने की बात कही। एसीबी ने इस रिकॉर्ड पर लिया है।
एसीबी बोली, झूठ बोल सकता, कड़ी से कड़ी जोड़ेंगे
एसीबी अधिकारियों का कहना है कि आरोपी शिकंजे में आने के बात कई बार झूठ बोलता है। लेकिन इस बात की ताहीद के लिए रिकॉर्ड और तकनीकी आधार पर कड़ी से कड़ी जोड़कर जांच की जा रही है। एसीबी अधिकारियों कहना था कि तहसीलदार ने जब तीन लाख रुपए अर्पित से लेना बताया। तो तत्काल उसे फोन नहीं लगाया गया। अब अर्पित को बुलाकर पूछताछ होगी। उसने यह रकम कब दी और किस बात के लिए दी गई।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो