शहर में ऑनलाइन क्रिकेट सट्टेा गिरोह अमरबेल की तरह फला-फूला था। बड़े हो या बच्चे, एप के जरिए क्रिकेट सट्टे का चस्का लगा दिया गया। यही वजह रही कि गिरोह के सदस्य फल-फूल रहे थे। मोबाइल रिचार्ज की तर्ज पर सक्रिय सदस्यों की बैलेंस लिमिट बढ़ाई जाती थी।
सुभाषनगर थानाधिकारी अजयकांत ने बताया, एप में लिमिट खत्म होते ही सदस्य क्रिकेट पर सट्टा नहीं लगा सकता था। लिमिट बढ़ते ही दांव लगाना शुरू हो जाते। लिमिट बढ़ाने के लिए वैभवनगर निवासी आरोपित कमल मगनानी व महिला आश्रम रोड निवासी ललित छतवानी से सम्पर्क करते थे। हर बॉल और रन पर दांव लगता था। उनके मोबाइलों की जांच की तो सक्रिय सदस्यों की चैटिंग मिली है। इसमें उनसे लिमिट बढ़ाने, दांव का हिसाब आदि की चर्चा है। एप से जुड़े सक्रिय सदस्यों को पुलिस ने सूचीबद्ध कर लिया। उनके घरों पर दबिश शुरू हो गई है। पकड़े जाने के डर से कई लोग भूमिगत हो गए। इस मामले को लेकर खलबली मची है। जितनी लिमिट दी जाती थी, उस के प्रतिशत के हिसाब से कमल और ललित का कमीशन तय था। इधर, सट्टे से जुड़े सक्रिय सदस्यों ने मोबाइल बंद कर दिया है।
पुलिस को समझने में लगा समय, फिर बिछाया जाल इस तरह क्रिकेट सट्टे का कारोबार पुलिस के लिए अनोखा था। एप से दांव का पता चला तो पुलिस ने इससे जुड़े लोगों से बारीकी समझी। उसके बाद सरगना का पता किया। दोनों आरोपियों पर निगाह रखी। मौका लगते ही कमल, ललित और रजन सैनी को गिरफ्तार कर लिया। गौरतलब है कि भीलवाड़ा पुलिस ने ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा व हवाला कारोबार का सोमवार को पर्दाफाश किया था। आरोपित एप के जरिए सट्टा लगाते थे।