International Girl’s Day आशिका : पहले प्रयास में सीएफए का पहला लेवल पार
आरके कॉलोनी निवासी टेक्सटाइल उद्यमी अशोक बोहरा की पुत्री आशिका जैन (बोहरा) ने बीते साल सीए परीक्षा में ऑल इंडिया में १4वीं रैंक प्राप्त की। फिर पहले प्रयास में सीएफए का प्रथम लेवल पास किया। मां उषा बोहरा ने बताया कि बेटी का लक्ष्य सीएफए बनने का है। दूसरा लेवल जून में होगा। आशितका मुंबई की कंपनी में है। आशिता अपने सीए भाई अर्पित से प्रेरित होकर इस क्षेत्र में आई और यह मुकाम हासिल किया।
आरके कॉलोनी निवासी टेक्सटाइल उद्यमी अशोक बोहरा की पुत्री आशिका जैन (बोहरा) ने बीते साल सीए परीक्षा में ऑल इंडिया में १4वीं रैंक प्राप्त की। फिर पहले प्रयास में सीएफए का प्रथम लेवल पास किया। मां उषा बोहरा ने बताया कि बेटी का लक्ष्य सीएफए बनने का है। दूसरा लेवल जून में होगा। आशितका मुंबई की कंपनी में है। आशिता अपने सीए भाई अर्पित से प्रेरित होकर इस क्षेत्र में आई और यह मुकाम हासिल किया।
शिल्पी : खेल के साथ पढ़ाई के मैदान में भी अव्वल
दुनिया भर में धारणा है कि खिलाडी अक्सर पढ़ाई में फिसड्डी होते है, लेकिन शिल्पी भार्गव ने इसे झुठला दिया। दिलीप भार्गव एवं चित्रा भार्गव की बेटी शिल्पी ने बचपन से तरणताल में प्रतिभा दिखाई। तैराकी में राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर १०० से अधिक पदक प्राप्त किए। शिल्पी ने शिक्षा में जोधपुर से प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में डिग्री ली। फिर आइआइटी मुंबई से एम टेक किया। अभी बेंगलूरू के टारगेट इंटरनेशनल कम्पनी में वरिष्ठ प्रबंधक है।
दुनिया भर में धारणा है कि खिलाडी अक्सर पढ़ाई में फिसड्डी होते है, लेकिन शिल्पी भार्गव ने इसे झुठला दिया। दिलीप भार्गव एवं चित्रा भार्गव की बेटी शिल्पी ने बचपन से तरणताल में प्रतिभा दिखाई। तैराकी में राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर १०० से अधिक पदक प्राप्त किए। शिल्पी ने शिक्षा में जोधपुर से प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में डिग्री ली। फिर आइआइटी मुंबई से एम टेक किया। अभी बेंगलूरू के टारगेट इंटरनेशनल कम्पनी में वरिष्ठ प्रबंधक है।
गरिमा: ५० मकानों को अंदर से सजाया
कुछ वर्ष से आर्किटेक्ट एवं इंटीरियर डिजाइंिनंग क्षेत्र का जमकर विस्तार हुआ। भीलवाड़ा की कई बेटियों ने इस क्षेत्र में नाम कमाया है। इनमें एक है गरिमा लुहाडि़या। आरसी व्यास कॉलोनी के सुरेश लुहाडि़या व स्नेहलता लुहाडिय़ा की लाडली गरिमा ने पुणे से इंटीरियर डिजाइनिंग की पढ़ाई की। यहां सिटीमॉल में तीन-चार ऑउटलेट के अलावा 50 से अधिक मकानों की अंदरुनी साज-सज्जा कर चुकी हैं। अभी जयपुर में आर्किटेक्ट हैं।
कुछ वर्ष से आर्किटेक्ट एवं इंटीरियर डिजाइंिनंग क्षेत्र का जमकर विस्तार हुआ। भीलवाड़ा की कई बेटियों ने इस क्षेत्र में नाम कमाया है। इनमें एक है गरिमा लुहाडि़या। आरसी व्यास कॉलोनी के सुरेश लुहाडि़या व स्नेहलता लुहाडिय़ा की लाडली गरिमा ने पुणे से इंटीरियर डिजाइनिंग की पढ़ाई की। यहां सिटीमॉल में तीन-चार ऑउटलेट के अलावा 50 से अधिक मकानों की अंदरुनी साज-सज्जा कर चुकी हैं। अभी जयपुर में आर्किटेक्ट हैं।
विमला : १२ साल से संभाल स्टील कारोबार
बापूनगर के शांतिलाल मारू की बेटी विमला जैन ने कपासन, उदयपुर व भीलवाड़ा में पढ़ाई की। रीको एरिया में स्टील इंडस्ट्री की कमान संभाली। १२ साल से कांटेदार, गुथमा व वेल्डिंग जाली निर्माण का कारोबार संभाल रही है। उद्योग में बैंक का काम हो या अन्य सरकारी दफ्तर में कागजी कार्यवाही की भागदौड़ खुद विमला करती हैं। काम की शुरुआत मुंबई से की पर फिर भीलवाड़ा लौटी। आज करीब ५० श्रमिकों को रोजगार दे रही है।
बापूनगर के शांतिलाल मारू की बेटी विमला जैन ने कपासन, उदयपुर व भीलवाड़ा में पढ़ाई की। रीको एरिया में स्टील इंडस्ट्री की कमान संभाली। १२ साल से कांटेदार, गुथमा व वेल्डिंग जाली निर्माण का कारोबार संभाल रही है। उद्योग में बैंक का काम हो या अन्य सरकारी दफ्तर में कागजी कार्यवाही की भागदौड़ खुद विमला करती हैं। काम की शुरुआत मुंबई से की पर फिर भीलवाड़ा लौटी। आज करीब ५० श्रमिकों को रोजगार दे रही है।