इस फैसले से जिले में पांच बड़े असर
०१. जिले में सभी पंचायत समितियों के प्रधान के लिए फिर से लॉटरी निकलेगी। पहले १३ प्रधान के हिसाब से आरक्षण हुआ था। अब १४ पंचायत समितियां हो गई है। एेसे में लॉटरी वापस निकालेंगे।
०२. आसींद, बदनौर, मांडल, सुवाणा व हुरड़ा पंचायत समिति में पंचायत समिति सदस्यों की लॉटरी वापस निकलेगी। कारण है कि यहां प्रधान की लॉटरी वापस निकल रही है। एेसे में सदस्यों का आरक्षण फिर से तय होगा।
०३. मांडल, सुवाणा, बदनोर, हुरड़ा, आसींद में तो सरपंचों की लॉटरी फिर से निकलेगी, क्योंकि इसमें बदनौर नई पंचायत समिति बन गई है। वहीं मांडल व सुवाणा में नई पंचायतें बनी है।
०४. जिला परिषद सदस्यों की लॉटरी भी फिर से निकाली जा सकती है। कारण है कि पंचायत समितियों की जनंसख्या बदलेगी। बदनौर नई जुडऩे से सबके समीकरण पूरे बदल रहे हैं।
सीज रहेगा रिकॉर्ड
मांडल पंचायत समिति की सभी ग्राम पंचायतों में नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद नाम वापसी पूरी हो चुकी है। इसके बाद चुनाव स्थगित होने से इस रिकॉर्ड को सीज कर रखा है। अब दोबारा लॉटरी होने से यह रिकॉर्ड सीज ही रहेगा। अब पूरी प्रक्रिया नए सिरे से होगी।
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मांडल में पंच-सरपंचों ने नामांकन के बाद प्रचार शुरू कर दिया था और अभी उनका खर्चा चल रहा था। अब दोबारा लॉटरी निकालने के आदेश से उनका प्रचार बंद हो गया है। वहीं, कई उम्मीदवार अब खुश हो रहे हैं क्योंकि पहले उनकी मनपसंद सीट नहीं आई थी। एेसे में उनके चुनाव लडऩे का सपना अधूरा रह गया था। अब सीटें बदलने से उनके चुनाव लडऩे की उम्मीद फिर जग गई है।