प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्य सामग्री का वितरण वर्ष 2016 साल से पोस मशीन के जरिए हो रहा है। राज्य सरकार ने ही राशन डीलर्स को पोस मशीनें सौंप रखी है। मशीन की कीमतें कमीशन में से पूर्व में काटी जा चुकी है और यह कटौती वर्ष 2018-19 से बंद है।
पांच माह बीत गए पोस के रखरखाव यानि मरम्मत के लिए सरकार जून 2020 से प्रत्येक राशन डीलर्स से प्रति क्विंटल 5.21 रुपए वसूल रही है। इसी साल विभाग ने पुरानी पोस मशीनें हटाने और उनके एवज में नई पोस मशीनें अप्रेल माह में देने की घोषणा की। पांच माह बीत गए है, विभाग ने नई मशीन नहीं दी, लेकिन राशन डीलर्स से प्रति क्विंटल दस रुपए वसूलना जरूर अप्रेल २०२१ से शुरू कर दिया। इसके साथ ही मरम्मत के नाम पर भी ५.२१ रुपए प्रति क्विंटल फिर से शुरू कर दिया गया है।
कीमत ही स्पष्ट नहीं राशन डीलर्स बताते है कि इस साल राज्य सरकार के निर्देश पर रसद विभाग ने राशन डीलरों को मशीनें रिप्लेसमेंट करने के आदेश जारी किए, लेकिन पोस मशीन की कीमत क्या होगी, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। मशीन की बाजार कीमत 7 से 8 हजार रुपए है, जबकि विभाग जिस प्रकार से वसूली कर रहा है, उससे एक मशीन की कीमत करीब 21 से 22 हजार रुपए तक होगी। जिले में कुल 834 व प्रदेश में 25 हजार राशन डीलर्स है। शिकायत है कि ग्रामीण अंचल या दूर दराज क्षेत्र में दूरसंचार सेवा प्रभावी नहीं होने एवं आए दिन मशीन खराब होने से परेशानी बनी हुई है। दूसरी तरफ रसद अधिकारियों का कहना है कि वह राज्य सरकार के आदेश की पालना कर रहे है।
कमीशन में से कटौती न्यायोचित नहीं ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन राजस्थान इकाई के जिलाध्यक्ष संजय तिवाड़ी ने बताया कि प्रदेश व जिले में नई पोस मशीनें नहीं मिली है, पुरानी मशीन से ही वितरण हो रहा है। इनकी कीमतें पूर्व में वसूली जा चुकी है। इसके बावजूद अप्रेल 2021 से राशन डीलर्स के कमीशन में से प्रतिकिलो 15.21 रुपए की कटौती हो रही है। काटे गए रुपए के बारे में विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 10 रुपए मशीन की कीमत व 5.21 पैसे रखरखाव के है। यह न्यायोचित नहीं है। समाधान नहीं निकला तो हड़ताल करेंगे।