भीलवाड़ा

दिगंबर जैन मुनि नमित सागर का देवलोक गमन

कर्नाटक के यरनाल में चातुर्मास के दौरान दिगंबर जैन मुनि नमित सागर का गुरुवार रात देवलोक गमन हो गया। नमित सागर फूलिया कलां तहसील के कोठियां निवासी थे।

भीलवाड़ाSep 21, 2019 / 03:08 am

rajesh jain

दिगंबर जैन मुनि नमित सागर का देवलोक गमन

कोठियां (भीलवाड़ा).
कर्नाटक के यरनाल में चातुर्मास के दौरान दिगंबर जैन मुनि नमित सागर का गुरुवार रात देवलोक गमन हो गया। नमित सागर फूलिया कलां तहसील के कोठियां निवासी थे। उनका जन्म का नाम कैलाशचंद्र सेठी था।
पिता का नाम घीसालाल सेठी तथा माता का नाम कंवरी बाई था। 1964 में इंदुमती माताजी व सुपाश्र्वमति माताजी ससंघ कोठियां आए उस समय उनके प्रवचनों से प्रभावित होकर माताजी के संघ में ब्रह्ममचारी अवस्था धारण कर ली।
1999 में आचार्य वर्धमान सागर के संघ में उनकी ऐलक दीक्षा भट्टारकजी की नसियां जयपुर में हुई। वर्ष 2000 में सनावद मे मुनि दीक्षा लेकर नमित सागर बने। तब से निरन्तर धर्म पथ पर बढ़ते हुए उन्होंने अपने जीवन काल में 16 कारण के 16 बरस तक 16-16 उपवास किये । 32-32 उपवास भी किये । मुनिचर्या का बहुत कठोरता से पालन किया। मुनि इस समय पंचम पट्टाचार्य 108 आचार्य वर्धमान सागर के संघ मे चर्तुमास के लिए प्रथमाचार्य शान्ति सागर की दीक्षा स्थली यरनाल कर्नाटक मे विराजित थे। गुरूवार रात्रि 1.55 बजे आचार्य व संसघ के सानिध्य तथा परिवार व समाज जनों के बीच सल्लेखना पूर्वक देवलोक गमन हो गया।

Home / Bhilwara / दिगंबर जैन मुनि नमित सागर का देवलोक गमन

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.