इससे पूर्व शहर काजी खुर्शीद आलम सुबह आठ बजे नीलगरों की मस्जिद बाहला से जुलूस के रूप में रवाना होकर ईदगाह पहुंचे जहां उन्होंने नमाज अदा कराई। इस दौरान लगातार बारिश होती रही। लेकिन किसी ने भी वहां से हटने या जाने का प्रयास तक नहीं किया। शहर काजी ने सीख दी की वे किसी तरह का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल न करें। काजी ने कहा कि केरल में बाढ़ से पीडितों की मदद के लिए हर व्यक्ति कुछ न कुछ सहयोग के रूप में दान करें।
परिषद ने नहीं की पूरी व्यवस्था नगर परिषद की ओर से हर बार ईद के मौके पर की जाने वाली बिछायत भी पूरी नही की गई। इससे नमाजियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कइयों को तो केवल गीीली सड़क पर ही बैठकर नमाज अदा करनी पड़ी। इसकी चर्चा अधिकारियों में भी थी। पुलिस अधीक्षक के आने के बाद तक बैठने की व्यवस्था सही नहीं थी। उन्हें भी लगभग दस मिनट तक खड़ा रहना पड़ा।
नहीं की दस्तारबंदी शहर काजी की इस बार दस्तारबंदी नहीं की गई। ना ही किसी जनप्रतिनिधि ने माला या गुलदस्ता देकर स्वागत किया। इसके पीछे मुख्य कारण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के कारण देश में सात दिवस का राष्ट्रीय शौक को माना जा रहा है।
नगर परिषद के पूर्व सभापति ओम नराणीवाल, कलक्टर शुचि त्यागी, पुलिस अधीक्षक डा. रामेश्वरलाल, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) राजेन्द्रसिंह कविया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिलिप सैनी, उपखण्ड अधिकारी ओमप्रभा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इस दौरान बहुरूपिया जानकीलाल भांड अपने चिरपरिचित अंदाज में नजर आए। पुलिस के सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद थी। छतों पर से चारो तरफ नजर रखे हुए थे।