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राज्य का बजट से उद्यमियों को है कई उम्मीदें

locationभीलवाड़ाPublished: Feb 19, 2020 06:05:06 pm

Submitted by:

Suresh Jain

बिजली में 2 रुपए की सब्सिड़ी नहीं मिल तो उद्योग हो जाएंगे बन्द

Entrepreneurs have many expectations from the state budget in bhilwara

Entrepreneurs have many expectations from the state budget in bhilwara

भीलवाड़ा।
State government budget राज्य सरकार का बजट गुरुवार को विधानसभा में पेश किया जाना है। इस बार जिलेवासियों को बजट से कई उम्मीदें हैं। बजट प्रस्तावों में सरकार की ओर से प्रदेश स्तरीय घोषणाओं के अलावा जिले के लिए स्वास्थ्य सेवाओं, औद्योगिक क्षेत्रों के विस्तार सम्बन्धी घोषणा किए जाने का इंतजार है। State government budget भीलवाड़ा का औद्योगिक क्षेत्र देश में अग्रणी स्थान पर होने के बावजूद सरकार का ध्यान नहीं हैं। औद्योगिक क्षेत्र में पिछले कुछ समय से अपराध की घटनाएं भी घट रही है। पिछले कुछ समय से औद्योगिक क्षेत्र मंदी की दौर से गुजर रहा है। इसके चलते उत्पादन कम हुआ है। इसका प्रभाव श्रमिकों पर पड़ा है। औद्योगिक इकाईयों को बचाने के लिए सबसे बड़ी मांग बिजली में दो रुपए की सब्सिड़ी मिले। तभी उद्योग चल सकेंगे। इसकी घोषणा नहीं होती है तो उद्योगों का चलना मुश्किल होगा। जानकार सूत्रों का कहना है कि सरकार का खजाना खाली है। ऐसे में कोई बड़ी घोषणा होने की संभावना भी कम है।
यह है प्रमुख मांगे
– भीलवाड़ा में डेनिम उद्योग के लिए केन्द्रीय भूजल बोर्ड से एनओसी की बाध्यता को समाप्त हो।
– भीलवाड़ा में गैस की उपलब्धता होने वाली है। उद्योगों को कॉल आधारित बॉयलर को गैस आधारित करने के लिए पूंजीगत लागत में ५० प्रतिशत की छूट देवे ताकि इससे ग्रीन एनर्जी को प्रोत्साहन मिलेगा।
– भीलवाड़ा जिला डार्क जोन श्रेणी में है। जबकि जिले में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है। केन्द्रीय भू-जल बोर्ड के माध्यम से सर्वे करवाकर डार्क जोन से बाहर निकाले ताकि डेनिम उद्योग का विकास हो सके।
– प्रदेश में ११ लाख हैक्टेयर अनुपयोगी कृषि भूमि पड़ी है। उसका विभिन्न योजना में उपयोग में लिया जाना चाहिए।
– भीलवाड़ा में एक टेक्सटाइल पार्क, मेगा क्लस्टर एवं फूड पार्क विकसित किए जाना चाहिए।
– राज्य की सूक्ष्म, लधु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों को सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने की नीति पर जोर दिया जाना चाहिए।
-रीको की ओर से ग्रोथ सेन्टर के भूखण्डों पर अतिरिक्त राशि वसूली के नोटिस जारी किए गए है। उसे समाप्त किया जाए।
– श्रम विभाग की ओर से लगाए गए लेबर सेस एवं ब्याज शुल्क में छूट मिले।
– औद्योगिक इकाईयों की ओर से समय पर लोन रिपेमेन्ट करने पर उन्हें गुड या गोल्ड क्रेडिट केटेगरी में रखते हुए नए लोन पर २ प्रतिशत ब्याज में छूट मिले। उद्योग का डाइवर्सीफिकेशन या अपग्रेडेशन करने पर उसे बिना कोलेटरल सिक्यूरिटी के लिए कम से कम ५ करोड़ का लोन मशीनरी खरीद व संचालन के लिए मिले।
-रूप टॉप सोलर प्लांटस से उत्पादित अतिरिक्त सरप्लस बिजली की खरीद के लिए डिस्कॉम को निर्देश मिले ताकि रूप टॉप सोलर प्लांटस को प्रोत्साहन मिल सके।
– सौर ऊर्जा सयंत्रो की ओर से उत्पादित हरित ऊर्जा को प्रदेश के अन्दर व्हीलिंग चार्जेज से मुक्त किया जाए।
– मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र की तरह राजस्थान के एमएसएमई उद्योगों को भी दो रुपए प्रति यूनिट की दर से सब्सिड़ी मिले।
-जिला उद्योग केन्द्र के अधिकारी को अधिक शक्तियां प्रदान की जाए ताकि उद्योगों के विकास के लिए हर उद्यमी को किसी काम के लिए जयपुर नहीं जाना पड़े।
– दिल्ली- मुम्बई औद्योगिक कोरिडोर से राज्य के उद्योगों को लाभ होगा। कोरिडोर के आस-पास के क्षेत्र में विकास के लिए रूपरेखा तय होनी चाहिए।
-उद्योग विद्युत आपूर्ति किसी भी स्त्रोत से कर सके। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से पूर्व में लागू ओपन ***** के प्रावधान पुर्नस्थापित किया जाना चाहिए।
– खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने तथा किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए मंडी टैक्स को समाप्त किया जाना चाहिए।
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