सिन्थेटिक्स विविंग मिल्स एसोसिएशन के सचिव रमेश अग्रवाल ने बताया, सिंथेटिक यार्न पर जीएसटी 12 प्रतिशत तथा कपड़े पर 5 प्रतिशत है। इसके चलते कपड़ा निर्माताओं के पास एकत्र अतिरिक्त आईटीसी का रिफण्ड का निर्णय जीएसटी की बैठक में 21 जुलाई 2018 को किया था। रिफण्ड एक अगस्त से देने का प्रावधान किया। सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी। इससे देश के टेक्सटाइल क्षेत्र से जुड़े व्यापारियों ने माना था कि इससे उद्यमियों को बड़ी राहत मिलेगी। लेकिन इन पांच माह से कपड़ा इकाईयों को विभाग ने रिफण्ड नहीं दिया है।
अग्रवाल ने बताया कि जीएसटी पोर्टल पर रिफण्ड लगाते समय तकनीकी समस्या की वजह से रिफण्ड विभाग जारी नहीं कर रहा है। इसमें देश के सभी कपड़ा व्यापारी जीएसटी अधिकारियों से मिलकर रिफण्ड समस्या को दूर करने की मांग कर चुके हंै। इसके बाद भी समस्या का हल नहीं हो पा रहा है। रिफण्ड के अभाव में उद्यमी बैंक की किश्त जमा नहीं करा पा रहा है। उनका मानना है कि लंबे अर्से से टेक्सटाइल उद्योग की हालत ठीक नहीं है। अग्रवाल ने बताया कि स्थानीय विभाग के अधिकारी जीपी दाधीच से भी सम्पर्क कर इस मामले का निस्तारण की मांग की थी।