भीलवाड़ा नगर परिषद में तत्कालीन सभापति मधु जाजू ने अपने कार्यकाल में 29 अगस्त 1995 से 28 अगस्त 2000 के मध्य शहरी विकास एवं कार्यो के विकेन्द्रीकरण के लिए कुल सोलह समितियां गठित की थी । वरिष्ठ पार्षदों को इनकी कमान सौंपी गई और प्रत्येक एक समिति में सात पार्षद सदस्य नियुक्त किए। जाजू के कार्यकाल समाप्ति के बाद चार बोर्ड गठित हुए और इस अवधि में नौ सभापति रहे, लेकिन किसी भी बोर्ड में समितियों का गठन नहीं हुआ। इस दौरान पार्षदों ने समितियोंं के गठन को लेकर कई बार मांग उठाई और विरोध प्रदर्शन के बीच राज्य सरकार व डीएलबी को लिखा, लेकिन कमेटियां गठित नहीं हो सकी।
यह होती है समिति राजस्थान नगर पालिका अधिनियम २००9 के अनुसार बोर्ड गठन के 90 दिन में स्थानीय निकायों में समितियों का गठन करने का प्रावधान है। इनमें एक्जुकेटिव, कार्यपालक, निर्माण, स्थापना, वित्त, रोशनी, उद्यान, परिवहन, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति, नियम एवं उप विधि, समझौता एवं अपराधों का समन समिति व महिला उत्पीडन रोकथाम समिति प्रमुख है। सभापति अपने विवेक के आधार पर अन्य कमेटियों का गठन भी कम जिम्मेदारी सौंप सकता है। Expected committees in Bhilwara Municipal Council Board after 20 years
समितियों के गठन से होगा विकेन्द्रीकरण पार्षदों का मानना है कि समितियों के गठन से कार्यों का विभाजन होता है, इससे व्यवस्थाओं में काफी सुधार आता है और प्रभावी नियंत्रण भी रहता है। पार्षदों को भी आपस में मिल बैठक कर शहर के विकास पर चर्चा करने का मौका मिलता है। समितियों के गठन से वार्ड से लेकर शहर में सभी प्रकार की सुविधाएं अच्छी रहती है। लगातार छठी बार पार्षद बनी मंजू पोखरना का कहना है कि नगर परिषद सभापति राकेश पाठक को भी बीस साल पुरानी व्यवस्थाओं को अंजाम देना चाहिए।
समितियों का करेंगे जल्द गठन सभापति राकेश पाठक बताते है कि शहर के सर्वांगीण विकास के लिए कमेटियों का गठन जरूरी है। इसके लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। जल्द ही कमेटियों का गठन करेंगे। राजनीति से परे उठ कर कमेटियों में वरिष्ठ व युवा पार्षदों को प्राथमिकता देंगे, महिला सदस्यों की सहभागिता भी रहेगी। टीम वर्क के साथ काम करने से और अच्छे परिणाम सामने आएंगे।
शहर हित में रहता है गठन पूर्व सभापति मध जाजू ने बताया कि गत बीस वर्ष से नगर परिषद बोर्ड में कमेटियों का गठन नहीं हुआ है, कमेटियों का गठन होना चाहिए था, यह शहर हित में है, कार्यों के विभाजन से टीम वर्क को बढ़ावा व पार्षदों को सम्मान मिलता है। मेरे कार्यकाल कमेटियों के गठन से उत्साह जनक परिणाम आए और शहर में श्रेष्ठ कार्य हुए।