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सहाड़ा उप चुनाव में भीतरीघात की आशंका

locationभीलवाड़ाPublished: Apr 14, 2021 11:38:02 am

प्रदेश में उपचुनाव में सबसे हॉट सीट बनी सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में दोनों ही दलों को ‘अपनोंÓ से भीतरीघात का डर सता रहा है। तमाम सियासी अटकलों के बीच यहां का मतदाता मौन है। हालांकि अब यहां चुनाव प्रचार पूरे चरम पर पहुंच गया है। कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट आने के बावजूद भाजपा के असंतुष्ट लादूलाल पितलिया और उनके समर्थकों की नाराजगी से जहां भाजपा नेता चिंतित है।

Fear of insurgency in Sahada by-election

Fear of insurgency in Sahada by-election

भीलवाड़ा। प्रदेश में उपचुनाव में सबसे हॉट सीट बनी सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में दोनों ही दलों को ‘अपनोंÓ से भितरघात का डर सता रहा है। तमाम सियासी अटकलों के बीच यहां का मतदाता मौन है। हालांकि अब यहां चुनाव प्रचार पूरे चरम पर पहुंच गया है। कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट आने के बावजूद भाजपा के असंतुष्ट लादूलाल पितलिया और उनके समर्थकों की नाराजगी से जहां भाजपा नेता चिंतित है। वे डेमेज कंट्रोल करने के लिए सभी तरह के प्रयास कर रहे है, वहीं कांग्रेस इसे पूरी तरह भुनाने की कोशिश में है। दोनों ही दल एक-दूसरे के खिलाफ स्थानीय मुद्दे और प्रकरण तलाश कर लोगों में प्रचारित कर रहे है। एक-दूसरे के खिलाफ धरने और प्रदर्शन कर राजनीतिक लाभ की कोशिश भी की हो रही है।

यूं तो यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही है, लेकिन रालोपा उम्मीदवार दोनों के मतों में सेंध लगा रहे है। मतदान में तीन दिन शेष रहने से सबने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। अब बड़ी सभा करने के बजाय घर-घर जाकर जनसम्पर्क पर जोर है।

उम्मीदवार की नही, मोदी या गहलोत की जीत होगी

पिछले दिनों हुए घटनाक्रम से पीतलिया के समर्थक नाराज है। इनमें से कई विहिप और बजरंगदल से जुड़े हुए हैं। बजरंग दल के विद्या प्रसाद जोशी और भाजपा के पार्षद के पति कन्हैयालाल माली का कहना है कि चुनाव में उन्हें तवज्जों नहीं मिल रही। कार्यकर्ताओं में असंतोष देखकर वरिष्ठ नेता यह कहकर उन्हें मनाने में जुटे है कि वे आपसी मतभेद और स्थानीय उम्मीदवार को देखने के बजाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ देखें। जीत से मोदी सरकार के फैसलों, नीतियों और राष्ट्रीय मुद्दों को जनसमर्थन मिलेगा। क्षेत्र में भाजपा के अधिकांश होर्डिंग्स में प्रत्याशी रतनलाल जाट के फोटो के साथ लादूलाल पितलिया और पिछले चुनाव में उम्मीदवार रहे रूपलाल जाट की फोटो भी लगे हुए है। गौरतलब है कि रूपलाल जाट के छोटे भाई बद्रीलाल जाट रालोपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में है।

कांग्रेस भी यहां स्थानीय गुटबाजी से भितरघात को लेकर चिंतित है। कांग्रेस को यहां ‘अपनोंÓ से डर सता रहा है। यहीं कारण है कि चुनाव में यहां प्रदेश के एक दर्जंन से ज्यादा मंत्री और तीन दर्जन से ज्यादा विधायक सक्रिय है। वे यहां स्थानीय विभिन्न समाजों और संगठनों से ये लगातार सम्पर्क रहे है। पंचायत स्तर पर पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी दे रखी है। कांग्रेस यहां पार्टी उम्मीदवार की जीत को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की नीतियों और सरकार के कार्यों में विश्वास बता रही है।
झंडे-होर्डिंग्स की भरमार
गंगापुर कस्बे में प्रवेश करते ही पूरा बाजार और रास्ते कांग्रेस, भाजपा और रालोपा के झंडे, बैनर और पोस्टर से अटा हुआ नजर आता है। कई जगह एक ही बिजली के खम्बे पर तीनों ही दलों के झंडे लगे हुए हैं। ऐसा ही नजारा रायपुर में नजर आया। रायपुर में चाय की दुकान पर बैठे कुछ लोगों से चर्चा की तो गणेश माली बोले चुनाव में कांग्रेस जीतेगी। इस बार यहां पानी, चिकित्सा, शिक्षा क़े क्षेत्र में कई कार्य हुए। तभी उनकी बात काटते हुए पालरा के अम्बालाल तेली बोली, यहां भाजपा जीतेगी। लोग राष्ट्रीय मुद्दों और राममंदिर के निर्माण के कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ है। राजू पंचौली का कहना था कि दोनों ही दलों में टक्कर है। दोनों ही दलों में असतुंष्ट अंदरखाने नुकसान पहुंचा रहे है।
त्रिवेदी के घर के बाहर अनशन पर बैठे बेरोजगार
वर्ष 2018 में पुलिस भर्ती के सोलह सौ से ज्यादा पदों पर प्रतीक्षा सूची जारी करने की मांग को लेकर बेरोजगार युवक तीन दिन से रायपुर में कांग्रेस प्रत्याशी गायत्री देवी त्रिवेदी के घर के सामने अनशन और धरने पर बैठे है। ये युवक प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए हैं। उनका कहना था कि वर्ष 2018 में 13 हजार 142 पदों में से 11 हजार 600 पद ही सरकार ने भरे। अभी 1600 पद खाली है। सरकार इन पदों को प्रतीक्षा सूची से भरें। यहां धरने वाले सभी युवक पुलिस भर्री की लिखित, शारीरिक दक्षता परीक्षा पास कर चुके है। कांग्रेस प्रत्याशी के घर के बाहर धरना देने के कारण के बारे में उनका कहना था कि सरकार के कई मंत्री और विधायक सहाड़ा-रायपुर क्षेत्र में है। ऐसे में सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए वे यहां अनशन पर बैठे है।
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