scriptभीलवाड़ा में स्क्रब टाइफस से पहली मौत | First death from scrub typhus in Bhilwara | Patrika News
भीलवाड़ा

भीलवाड़ा में स्क्रब टाइफस से पहली मौत

45 वर्षीय महिला ने उदयपुर अस्पताल में तोड़ा दमएक दर्शन से अधिक गांवों में किया साइपरमेथ्रिन का स्प्रे

भीलवाड़ाSep 18, 2019 / 09:08 pm

Suresh Jain

First death from scrub typhus in Bhilwara

First death from scrub typhus in Bhilwara

भीलवाड़ा।
Scrub typhus जिले में स्क्रब टाइफस से एक महिला की मौत हो गई है। जिले में स्क्रब टाइफस से मौत का पहला मामला है। शहर से सटी बड़ी हरणी में बुधवार को इस बीमारी का एक और रोगी सामने आया है। अब तक चार रोगी सामने आ चुके हैं। इससे चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया। चिकित्सा विभाग व पशुपालन विभाग ने एक दर्जन से अधिक गावों में साइपरमेथ्रिन का स्प्रे कराया है।
Scrub typhus चिकित्सा विभाग के अनुसार महेन्द्रगढ़ के पास माकडिय़ा निवासी ४५ वर्षीय महिला को बुखार आने पर १२ सितम्बर को भीलवाड़ा के निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उदयपुर रेफर कर दिया। जांच रिपोर्ट आने से पहले ही महिला ने मंगलवार सुबह दम तोड़ दिया। जांच में स्क्रब टाइफस से मौत की पुष्टि हुई। सीएमएचओ डॉ. प्रकाश शर्मा ने डिप्टी सीएमएचओ तथा एपिडिमियोलॉजिस्ट को माकडिया भेजा। पशुपालन विभाग ने भंवरलाल शर्मा के नेतृत्व में घर-घर सर्वे कराया और लोगों को दवा बांटी। वहीं करीब एक दर्जन गांवों में मवेशियों व उनके बाड़ों में साइपरमेथ्रिन छिड़की गई।
इन गांवों में किया स्प्रे
पशुपालन विभाग के डा. महेश काष्ट ने बताया कि बड़ी हरणी में स्क्रब टाइफस रोगी की जानकारी मिलने पर दवा छिड़काई गई। टीम ने बाड़े, मवेशी, बड़ला चौराहा स्थित आवासीय मकान के आसपास भी छिड़काव किया है। विभाग के उप निदेशक बीएल दशोरा ने बताया किमहेन्द्रगढ़, माकडिय़ा, बड़ी हरणी, रायपुर के झडोल, कोट, मोखुन्दा, कोटड़ी के सातोला का खेड़ा, आकोला, बोर खेड़ा, जित्यिास, बन का खेड़ा, शास्त्रीनगर, सुवाणा, कारोई जहाजपुर के शक्करगढ़, लुहारियाकलां, गणेशपुरा में साइपरमेथ्रिन का स्प्रे किया गया।
………………
एक्सपर्ट व्यू
स्क्रब टाइफस बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो जानलेवा है। लक्षण चिकनगुनिया जैसे होते हैं। शुरुआत रोगी को सिरदर्द और ठंड के साथ बुखार से हो सकती है। तेज बुखार व सिरदर्द असहनीय हो जाता है। छह से 21 दिन स्लिपिंग मॉड में रहती है। हल्के इंफेक्शन वाले मरीज बिना अन्य लक्षण के ठीक हो सकते हैं। इलाज में डोक्सीसाइक्लिन, एजिथ्रोमाइसिन असरकारी है। जिन इलाकों में पिस्सू (चिंचड़े) अधिक पाए जाते हों, वहां लोगों को त्वचा और कपड़ों पर कीट भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का प्रयोग करना चाहिए।
डॉ. घनश्याम चावला, डिप्टी सीएमएचओ

Home / Bhilwara / भीलवाड़ा में स्क्रब टाइफस से पहली मौत

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो