पशुपालन विभाग के डा. महेश काष्ट ने बताया कि बड़ी हरणी में स्क्रब टाइफस रोगी की जानकारी मिलने पर दवा छिड़काई गई। टीम ने बाड़े, मवेशी, बड़ला चौराहा स्थित आवासीय मकान के आसपास भी छिड़काव किया है। विभाग के उप निदेशक बीएल दशोरा ने बताया किमहेन्द्रगढ़, माकडिय़ा, बड़ी हरणी, रायपुर के झडोल, कोट, मोखुन्दा, कोटड़ी के सातोला का खेड़ा, आकोला, बोर खेड़ा, जित्यिास, बन का खेड़ा, शास्त्रीनगर, सुवाणा, कारोई जहाजपुर के शक्करगढ़, लुहारियाकलां, गणेशपुरा में साइपरमेथ्रिन का स्प्रे किया गया।
एक्सपर्ट व्यू
स्क्रब टाइफस बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो जानलेवा है। लक्षण चिकनगुनिया जैसे होते हैं। शुरुआत रोगी को सिरदर्द और ठंड के साथ बुखार से हो सकती है। तेज बुखार व सिरदर्द असहनीय हो जाता है। छह से 21 दिन स्लिपिंग मॉड में रहती है। हल्के इंफेक्शन वाले मरीज बिना अन्य लक्षण के ठीक हो सकते हैं। इलाज में डोक्सीसाइक्लिन, एजिथ्रोमाइसिन असरकारी है। जिन इलाकों में पिस्सू (चिंचड़े) अधिक पाए जाते हों, वहां लोगों को त्वचा और कपड़ों पर कीट भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का प्रयोग करना चाहिए।
डॉ. घनश्याम चावला, डिप्टी सीएमएचओ