थानाप्रभारी जसवंतसिंह ने बताया कि राजकीय माध्यमिक विद्यालय बड़ला के कुछ बच्चों ने कार्तिक पूर्णिमा पर उपवास रखा। ये बच्चे कार्तिक स्नान के लिए परिवार के साथ वैन लेकर त्रिवेणी पहुंचे। इनमें पांच बच्चे कम गहराई वाले क्षेत्र में नहा रहे थे कि रेत का कटाव होने से बच्चे नदी में बहने लगे। एक दूसरे को बचाने के प्रयास में पांचों बच्चे गहराई में चले गए। इसी बीच नदी किनारे नहा रहे अन्य श्रद्धालु बचाने नदी में कूदेे। गोताखारों ने भी कोशिश की। पांच में से चार बच्चों को एक घंटे में निकाल लिया गया। इनमें बडला निवासी बनवारी (१२) पुत्र रामेश्वर सालवी व उदलियास निवासी रानू (१४) पुत्री शम्भू सेन दम तोड़ चुके थे जबकि रानू की छोटी बहन खुशबू (११) व बड़ला की सीमा (१३) पुत्री प्रभु सालवी की हालत गंभीर थी। दोनों को मांंडलगढ़ अस्पताल ले गए, जहां से भीलवाड़ा रैफर कर दिया। गोताखोरों को एक घंटे बाद बड़ला की सांवरी (१२) पुत्री उदा सालवी का शव कुछ दूरी पर मिल गया। सांवरी नहीं मिली तो किनारे खड़ा उसका भाई रोता रहा और बहन को पुकारता रहा। सांवरी का शव दोपहर तीन बजे निकाला गया। पुलिस तीनों शव मांडलगढ़ चिकित्सालय लाई।
रानू और खुशबू मां पार्वती के साथ आई थी। त्रिवेणी के मुख्य घाट पर भीड़ होने के कारण दूसरे किनारे स्नान करते खुशबू डूबने लगी तो बड़ी बहन रानू तेजी से उसकी तरफ लपकी। रानू ने खुशबू की जान बचा ली ,लेकिन खुद गहराई में जाने से डूब गई।
त्रिवेणी में भीड़ अधिक थी। कुछ लोग दूसरे किनारे पर स्नान कर रहे थे। पांचों बच्चे भी दूसरे किनारे से पानी में उतरे। कुछ कदम बाद पानी गहरा होने से संतुलन खो दिया और डूबने लगे। नदी से एक के बाद एक तीन बच्चों के शव निकाले जाने के दौरान कोहराम मच गया।
स्पीकर पर नसीहत नहीं मानी
पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के तिलस्वां दौरे की तैयारियों में लगे रहे। त्रिवेणी में भीड़ को भूल गए। शव मांडलगढ़ अस्पताल लाए तो परिजनों ने अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगा हंगामा किया। परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया। हंगामे को देखते विधायक गोपाल खंडेलवाल व भाजपा ब्लॉक अध्यक्ष सत्यनारायण जोशी पहुंचे। परिजनों ने आरोप लगाया कि घटना के बाद भी तीन घंटे अधिकारी, एम्बुलेंस व गोताखोर नहीं पहुंचे। एक एम्बुलेंस पहुंची तो अचेत बालक को लेकर भीलवाड़ा रवाना हो गई। उसके बाद एम्बुलेंस नहीं आने से घायलों को कंधों पर लेकर काफी दूर पैदल जाना पड़ा। उधर, अस्पताल में भी अधिकारियों के नहीं आने से ग्रामीणों में रोष रहा। मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिलाने व मामले की जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। समझाइश करा पोस्टमार्टम कराया गया।