राज्य सरकार मरीजों को बेहतर इलाज और प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में निशुल्क दवा देने का ढिंढोरा पीट रही है लेकिन जमीनी सच अलग है। सरकार का दावा है कि सरकारी अस्पतालों में 700 दवा निशुल्क मुहैया कराई जा रही है लेकिन हकीकत में अस्पतालों में इनकी आधी संख्या ही पहुंच रही है। अस्पताल में डॉक्टर जो दवा मरीजों को लिख रहे हैं, वे उन्हें पूरी नही मिल पा रही है। आधी दवा मरीज बाहर से खरीदने को मजबूर हैं।
READ: भीलवाड़ा के लिए कराई थी ट्रेनिंग , चित्तौडग़ढ़ पहुंच गया डेल्टा जिले के सबसे बड़े अ श्रेणी प्राप्त महात्मा गांधी चिकित्सालय (एमजीएच) में अभी 700 दवाओं की मांग है लेकिन अभी केवल 400 दवा ही आ रही है। इसमें भी काउंटरों पर 250 दवा ही उपलब्ध है। बाकी 150 वार्डों मे उपलब्ध कराई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि कुछ दवा कम है। मरीजों को लिखी सभी दवा नही मिल पा रही है। पर्ची पर लिखी में से आधी दवा नोट अवेलेबल लिखकर मरीज को बाकी दवा के स्टॉक में न होने की बात कहकर रवाना किया जा रहा है। यह हाल जिले के सभी सरकारी अस्पतालों मे निशुल्क दवा योजना का है।
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काउंटर पर दवा नहीं
सरकारी अस्पताल मे डॉक्टर की लिखी दवा नहीं मिलने की मुख्य वजह यह भी है कि डॉक्टरों को पता नही रहता है कि उनकी लिखी दवा काउण्टर पर है या नहीं। डॉक्टरों की टेबल पर दवा की सूची नियमित अपडेट नहीं की जा रही है। कई बार चिकित्सक भी जो दवा उपलब्ध है, वही लिख देते हैं।
काउंटर पर दवा नहीं
सरकारी अस्पताल मे डॉक्टर की लिखी दवा नहीं मिलने की मुख्य वजह यह भी है कि डॉक्टरों को पता नही रहता है कि उनकी लिखी दवा काउण्टर पर है या नहीं। डॉक्टरों की टेबल पर दवा की सूची नियमित अपडेट नहीं की जा रही है। कई बार चिकित्सक भी जो दवा उपलब्ध है, वही लिख देते हैं।
स्थानीय अव्यवस्था का खमियाजा भुगत रहे
भीलवाड़ा के हालिया दौरे मेंदवा नहीं मिलने का मुद्दा उठ चुका है। वेयर हाउस में इसकी कमी नहीं है लेकिन मरीजों को स्थानीय अव्यवस्था का खमियाजा भुगतना पड़ रहा है।
महावीर शर्मा, महाप्रबंधक, निशुल्क दवा योजना वेयर हाउस
मांग के अनुसार पहुंच रही है दवा
सरकारी अस्पताल में दवा की कोई कमी नहीं है। मांग के अनुरूप समय पर दवा पहुंच रही है। कुछ दवा कम होने से मरीजों को असुविधा हो रही है तो वह भी आ जाएगी।
डॉ. अशोक खटवानी, प्रभारी अधिकारी, निशुल्क दवा योजना