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मानसून की तैयारी में वनविभाग: पिछले वर्ष बच गए थे पौधे, इस बार घटाया लक्ष्य

locationभीलवाड़ाPublished: Jun 24, 2018 02:10:50 pm

Submitted by:

tej narayan

मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन योजना (एमजेएसए) एवं मनरेगा समेत विभिन्न योजनाओं में पौधरोपण के लिए गत वर्ष बारह लाख पौधे तैयार कराए गए थे

Forest department in preparation for monsoon in bhilwara

Forest department in preparation for monsoon in bhilwara

भीलवाड़ा।

मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन योजना (एमजेएसए) एवं मनरेगा समेत विभिन्न योजनाओं में पौधरोपण के लिए गत वर्ष बारह लाख पौधे तैयार कराए गए थे। लेकिन मानसून कमजोर होने से नर्सरियों में साढ़े आठ लाख पौधे धरे रह गए और सरकारी विभागों ने भी गंभीरता नहीं दिखाई। इस बार वन विभाग ने सबक लेते हुए नए पौधे तैयार करने का लक्ष्य ही घटा दिया है।
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वन विभाग इस बार बारिश को लेकर कहीं अधिक चिंतित है। जिला प्रशासन की एमजेएसए व मनरेगा समेत विभिन्न योजनाओं में पौधरोपण को लेकर गत वर्ष वन विभाग ने बड़ी कार्ययोजना बनाई थी। इसी के तहत विभाग ने 11 लाख 84 हजार पौधे तैयार करवाए थे। लेकिन जिले मेें मानसून उम्मीद के मुताबिक सक्रिय नहीं हुआ। सरकारी विभागों ने वन विभाग की नर्सरियों से पौधों का उठाव नहीं के बराबर किया। एेसे में वन विभाग की नर्सरियों में साढ़े आठ लाख पौधे बच गए। एेसे में इस वर्ष 15 लाख के संभावित लक्ष्य को भी वन विभाग ने कम कर दिया और गत वर्ष के स्टॉक से ही अब योजनाओं को सींचेंगे।
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18 वन नर्सरियों में 45 प्रजाति के पौधे
जिले की 18 वन नर्सरी में 45 प्रजाति के पौधे तैयार है। इनमें नीम, कनेर, बोगनबेल,अनार, मोगरा, चांदनी, फुलवारी, नीबू, गुडेल,रोझ, कचनार, सिरस, हरश्रृंगार, पारसपीपल, आम, पपीता, गुलमोहर, जामुन, शीशम, टेकोमा, गुलाब, बांस, तुलसी, बिलपत्र, गोंदा, मीठा नीम, रूदाक्ष, अमरूद, दिन का राजा, आंवला, गुलेर, चम्पा, अमलतास, सेहतूत, कंरज व बादाम के पौधे शामिल है।

दो वर्ष की कार्ययोजना
वन विभाग इस वर्ष पौधों की विशेष खेप तैयार कर रहा है। विभाग के रैंजर भंवरलाल बारेठ बताते है कि पौधों को तैयार कर दो वर्ष तक नर्सरी में रखा जाएगा, ताकि पौधों को अच्छी ग्रोथ मिल सकें। पांसल नर्सरी प्रभारी वंदना शर्मा बताती है कि नर्सरी में छाएदार पौधे तैयार किए जा रहे है। इनमें गुलाब की नई किस्म पर मेहनत हुई है।

प्रत्येक ग्राम पंचायत में पौधे रोपे जाएंगे। इनके रख रखाव पर कितनी लागत आएगी, इन पौधों की उम्र कितनी और किस प्रजाति के होंगे व इसकी सुरक्षा किस तरह से होगी। इसका पूरा हिसाब वन विभाग रखेगा। इसके लिए वन विभाग व्यापक स्तर पर साइन बोर्ड तैयार करवा रहा है। पौधे एमजेएसए के साथ ही मनरेगा, स्टेट प्लान, केम्पा व आरएफबीपी योजना की संरचनाआें पर ग्रीन बेल्ट विकसित करने के लिए लगाए जाएंगे।
नई पौध तैयार करवाई जा रही है

जिले की 18 वन नर्सरी में कुल 11.40 लाख पौधे तैयार है । इस बार मानसून से काफी उम्मीद है। नर्सरियों में नई पौध भी तैयार की जा रही है। जनता के लिए भी सभी नर्सरियों के द्वार खुले रहेंगे।
एचएस हापांवत, उपवन संरक्षक भीलवाड़ा
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