भीलवाड़ा

तबादलों में फर्जीवाड़ा: शिक्षा निदेशक के फर्जी हस्ताक्षर से पांच शिक्षकों के तबादले, आदेश सोशल मीडिया पर जारी हुए तो मचा हड़कंप

सरकारी कर्मचारियों के तबादलों पर प्रतिबंध हटते ही जिले में बड़ी अनियमितता सामने आई है

भीलवाड़ाMay 17, 2018 / 02:02 pm

tej narayan

Forged transfers of teachers in bhilwara

भीलवाड़ा।
सरकारी कर्मचारियों के तबादलों पर प्रतिबंध हटते ही जिले में बड़ी अनियमितता सामने आई है। यहां के पांच शिक्षकों ने खुद के तबादले का आदेश जारी कर दिया। इसमें प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के फर्जी हस्ताक्षर किए दिए। यह आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हुआ व बीकानेर पहुंच गया। जब प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को आदेश मिला तो वे चौंक गए क्योंकि इस साल अभी तक एक भी तबादला नहीं हुआ है।
 

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जबकि फर्जी तरीके से प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय से भीलवाड़ा जिले के पांच शिक्षकों के तबादले कर दिए गए। इसमें 14 मई को कूटरचित दस्तावेज तैयार कर स्थानान्तरण आदेश जारी किए। आदेश सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विभाग में खलबली मच गई।
 

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प्रारंभिक शिक्षा निदेशक श्याम सिंह राजपुरोहित ने बीकानेर एसपी को फर्जी आदेश जारी करने वाले लोगों की पहचान कर कार्रवाई के लिए लिखा है। आदेश पर शिक्षा निदेशक के फर्जी हस्ताक्षर हैं। इधर, दो दिन से सोशल मीडिया पर तबादला आदेश देखकर शिक्षकों में खलबली मच गई। उनका तर्क था कि एक आदेश हो गया तो सूचियां आ जाएगी। वे परिचित जन प्रतिनिधियों के पास आदेश लेकर सिफारिश कराने पहुंच गए। अब पता चला यह फर्जीवाड़े से हुआ है।
 

इनके नाम से आदेश

निदेशक के फर्जी हस्ताक्षर से जारी आदेश में धर्मवीर जाट को राउप्रावि गंगापुर से राउप्रावि अगरपुरा, नाथू खटीक को राउप्रावि कोटड़ी से राउप्रावि चौधरियास, सुनीता बैरवा को राप्रावि शाहपुरा से राउप्रावि नंदिराज (राजसमंद), किशन रैगर को राउप्रावि जहाजपुर से राउप्रावि बदला (अजमेर) तथा यदुराजसिंह को राउप्रावि कोटड़ी से राउप्रावि झारोली (भरतपुर) में लगाया है। इसमें 2018 का आदेश क्रमांक 35819 भी डाला गया है।
 

 

5 दिन में करो ज्वॉइन

शिक्षकों के फर्जी तबादला आदेश में लिखा है कि इन कार्मिकों को आदेश तिथि के पांच दिवस में कार्यग्रहण करना होगा। साथ ही जिन कार्मिकों का मामला न्यायालय में है, यह आदेश उन पर लागू नहीं होंगे। यही नहीं लिखा है कि जिन कार्मिकों का स्थानांतरण खुद की मांग पर हुआ है उन्हें यात्रा भत्ता देय नहीं होगा। इसके अलावा इस आदेश की इसकी प्रतिलिपि भी शिक्षा मंत्री व मुख्य सचिव को भेजने का जिक्र किया गया।
 

 

फर्जीवाड़े में लिप्त लोगों पर करेंगे कार्रवाई

पांच शिक्षकों के तबादले का आदेश पूरी तरह फर्जी है। इसमें प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के हस्ताक्षर भी फर्जी है। इस नाम के जिले में कोई शिक्षक भी नहीं है। एक शिक्षक है लेकिन उसका स्कूल का नाम गलत है। इस संबंध में सभी बीईईओ को पत्र जारी कर शिक्षकों को चेताया जा रहा है। जो भी इसमें लिप्त मिलेंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी।
कन्हैयालाल भट्ट, डीईओ प्रारंभिक शिक्षा
 

 

तबादला आदेश फर्जी था

शिक्षकों का तबादला आदेश फर्जी था। इस संंबंध में संभाग के सभी डीईओ से रिपोर्ट मांगी गई है। इस तरह फर्जीवाड़ा करने में जो भी शिक्षक शामिल होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा गया है।
जीवराज जाट, उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा अजमेर
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