READ: एमजीएच : कलक्टर ने माना, सोनोग्राफी में मरीजों को परेशानी तालाब में गंदे पानी की आवक रूक नहीं रही। भीषण गर्मी में बिना बारिश भी गांधीसागर तालाब की चादर चल रही है। गत दिनों भीलवाड़ा आई मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी इस तालाब की स्थिति के बारे में पूछा था। राजस्थान पत्रिका टीम ने मंगलवार को गांधीसागर का सच जानने तह तक जाने की कोशिश की।
READ: 8 सरकारी कॉलेजों में ऑनलाइन प्रवेश आज से वास्तविकता ये है कि शहर के सात नालों का पानी अब भी इस तालाब में गिर रहा है। हालांकि नगर परिषद ने एनजीटी में शपथपत्र दे रखा है कि अब नालों का पानी इसमें नहीं डालेंगे। इसके बावजूद यह हालात है। कलक्टर शुचि त्यागी ने भी एक सप्ताह पहले तालाब का निरीक्षण कर सात दिन में गंदा पानी रोकने के निर्देश दिए थे, लेकिन आदेशों की पालना नहीं हुई है।
इधर, फाउंटेन बढ़ाने का है प्रस्ताव नगर परिषद की ओर से गांधीसागर तालाब में गंदा पानी रोकने का काम तो हो नहीं रहा उधर, विकास के नाम पर और बजट खर्च करने की तैयारी है। अब नए फाउंटेन और लगाने और टापू बनाने का विचार है। गत दिनों निरीक्षण करने आई जिला कलक्टर ने भी कहा था, जब तक इसकी सफाई नहीं होती, पैसा खर्च करने का कोई औचित्य नहीं है।
रोज मरते हैं पशु-पक्षी
एनजीटी में पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू की रिट पर राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने गांधीसागर के पानी का नमूना लिया था, जिसकी रिपोर्ट चौंंकाने वाली थी। तालाब में बायोलोजिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) 33 मिलीग्राम आई जबकि मानक तीन मिग्रा प्रतिलीटर या कम है। पीएच भी आठ आया। डिजॉर्ड ऑक्सीजन शून्य आया जो 5 आना चाहिए।
एनजीटी में पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू की रिट पर राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने गांधीसागर के पानी का नमूना लिया था, जिसकी रिपोर्ट चौंंकाने वाली थी। तालाब में बायोलोजिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) 33 मिलीग्राम आई जबकि मानक तीन मिग्रा प्रतिलीटर या कम है। पीएच भी आठ आया। डिजॉर्ड ऑक्सीजन शून्य आया जो 5 आना चाहिए।
इस जहरीले पानी से मछलियां ही नहीं, पीने से पशु-पक्षी मर रहे हैं। एनजीटी के आदेश के बावजूद इसमें कई कॉलोनियों व उद्योगों का जहरीला पानी जा रहा है। एनजीटी में जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान इन नालों के पानी को तालाब में गिरने पर रोक के आदेश दिए थे। बावजूद कुछ नहीं हुआ है।
कहां से आया पानी, दिखवाते हैं…
गांधीसागर तालाब में गंदा पानी नहीं जाए, इसके लिए नालों की मरम्मत करा रहे हैं। अभी पानी कहां से आया है, यह दिखवा रहे हैं। इसका प्रोजेक्ट हाथ में ले रखा है। समस्या खत्म कर देंगे।
पद्मसिंह नरुका, आयुक्त नगर परिषद