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मनरेगा व एनआरएलएम आदि योजनाओं के माध्यम से ऐसे न्यूट्री गार्डन का विकास किया जाएगा। इसमें पोषण अभियान की राशि का पौधों की खरीद फेंसिंग ट्री गार्ड मेटेरियल ग्रीन नेट आदि पर खर्च किया जाए। वाटिका के विकास में मुख्यत: तीन प्रकार के पौधों को लगाया जाएगा। वाटिका की लाइव फेन्सिंग के लिए मेहंदी, करौंदे, संतरे, नींबू आदि के पौधे लगाए जाएंगे। जिन्हें सामान्यत: पशु नहीं खाते है फलों के पौधों में नींबू, अमरूद, केला, पपीता, अनार, बेर, आम, आंवला, किन्नू, बील, संतरा, जामुन के पौधे और सब्जियों में भिंडी, लौकी, तोरई, टमाटर, मिर्ची, धनिया, पुदीना, प्याज, आलू, मटर, खीरा, ककड़ी, पालक, चौलाई आदि पौधे एवं औषधीय पौधों में तुलसी, गिलोय व एलोवेरा पौधों को मौसम अनुसार लगाकर पोषण वाटिका का विकास किया जाए।
पहले एक हजार दिन मिले अच्छा पोषण
पोषण अभियान का मुख्य उद्देश्य है की बालकों को प्रथम 1000 दिन में अच्छा पोषण मिले तथा एनीमिया से मुक्ति विटामिन प्रोटीन युक्त भोजन मिलने की दिशा में यह कारगर प्रयास सिद्ध होगा। यह न्यूट्री गार्डन बच्चों वह महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्र पर आने के लिए प्रेरित करेगा। इससे उनका पोषण टीकाकरण व प्रारंभिक शिक्षा से उनका जुड़ाव हो सकेगा। इसके लिए समय-समय पर आंगनबाड़ी केंद्रों पर सामुदायिक गतिविधियां कराई जाती है।
नागेन्द्रसिंह तोलम्बिया, सहायक निदेशक महिला अधिकारिता विभाग भीलवाड़ा
ब्लॉक गार्डन
आसीन्द २०
बनेड़ा १६
भीलवाड़ा ५
हुरड़ा २०
जहाजपुर १२
कोटड़ी ५३
मांडल २३
मांडलगढ़ ३५
रायपुर ३५
सहाड़ा २४
शाहपुरा ३०
सुवाणा १४
कुल योग २८७