कार्यालय भवन का निर्माण, वाहन खरीदने व पीओएल, निजी, वाणिज्यिक संस्था अथवा गैर सरकारी संस्था से संबंधित भवन पर पूंजी लागत, निजी संस्थान में सुविधाओं के विकास, कोविड मरीज के लिए किसी सेवा या सर्विस का क्रय, जो निजी सेवा केन्द्र की सेवाओं का उपयोग कर रहा हो, क्वारंटीन सुविधा, प्रवासी कैम्प, प्रवासी परिवहन व्यय, नियमित रखरखाव के लिए इस राशि का उपयोग नहीं होगा।
कोविड-१९ से जुड़े प्राथमिक स्क्रीनिंग या उपचार के लिए आवश्यक उपकरण, जैसे नॉन टच थर्मल स्क्रेनर, पल्स ऑक्सीमीटर, बीपी मापक यंत्र, ग्लूको मीटर, फर्नीचर, पलंग, गद्दे, चद्दर, बैड्स, साइड लॉकर, बैंच, पंखे-कूलर, अलमारी, रैंक, पर्दे, अन्य सामान आरएमएससीएल के माध्यम या जिले में कमी है, तो खरीद सकेंगे। सैनेटाइजर, सोडियम हाइपोक्लोराइट, स्प्रे-पम्प का भी खरीदे जा सकेंगे। बॉयोमेडिकल वेस्ट निस्तारण, थैलिया खरीदने, कपड़े धुलवाने तथा मरीजों को पानी पिलाने, भोजन तथा बिजली का खर्च एवं सुरक्षा गार्ड खर्चा इस फंड से हो सकेगा।
चिकित्सा विभाग ने केवल आठ कोविड केयर सेन्टर बना रखे है। इनमें से एक में ही कोरोना संक्रमित रोगियों को रखा जा रहा है। उपखण्ड स्तर पर केवल क्वारंटीन सेन्टर बनाए गए हैं। इसके कारण कोरोना पॉजिटिव के भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल में या आजादनगर स्थित महाप्रज्ञ भवन में रखा जा रहा है। प्रतिदिन मिल रहे कोरोना संक्रमितों को लाने के लिए टीम व एम्बुलेंस जाती है।
लॉकडाउन खुलने के साथ ही मरीजों का आंकड़ा बढ़ रहा है। इसके लिए आठ कोविड केयर सेन्टरों का चयन कर रखा है। इनमें से केवल आजादनगर महाप्रज्ञ भवन चल रहा है। यहां मरीजों को रखा जा रहा है। इन आठो सेन्टरों में ४०० बैड की व्यवस्था है। कोविड सेन्टर के लिए इस बजट से उपकरण भी खरीदे जा सकेंगे।
डॉ. मुस्ताक खान, सीएमएचओ, भीलवाड़ा