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अधिवक्ता कल्याण व सुरक्षा की सोचे सरकार, आवास योजना और पेंशन की उठी मांग

locationभीलवाड़ाPublished: Jan 23, 2020 11:50:24 am

Submitted by:

Akash Mathur

राज्य सरकार के अगले माह पेश होने वाले बजट से अधिवक्तागण भी बड़ी उम्मीद पाले हैं। राजस्थान पत्रिका विभिन्न संगठन, संस्थाएं व वर्गों से बजट में आस को लेकर चर्चा कर रहा है। बुधवार को जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में शहर के अधिवक्ताओं से चर्चा की।

Government, housing scheme and pension demand raised for advocates wel

Government, housing scheme and pension demand raised for advocates wel

भीलवाड़ा. राज्य सरकार के अगले माह पेश होने वाले बजट से अधिवक्तागण भी बड़ी उम्मीद पाले हैं। राजस्थान पत्रिका विभिन्न संगठन, संस्थाएं व वर्गों से बजट में आस को लेकर चर्चा कर रहा है। बुधवार को जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में शहर के अधिवक्ताओं से चर्चा की। इसमें अधिवक्ताओं ने अपने काम में समस्याएं खुलकर रखी और सरकार से क्या चाहते हैं, यह भी बताया। इसमें अधिवक्ताओं की सुरक्षा, कल्याण, न्यायालय परिसर के विस्तार के साथ विकास की मांग रखी।
आईना
उच्च न्यायालय समेत प्रदेश के अधीनस्थ अदालतों में न्यायाधीश एवं कर्मचारियों के कई पद रिक्त पड़े हैं। इससे न्यायालयों में कामकाज प्रभावित हो रहा है। आमजन को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। लोक अदालत भी लग रही है। इसका फ ायदा जनता को मिल रहा है लेकिन और सुविधाओं की जरूरत है।
अपेक्षा
न्यायालयों में रिक्त पद भरे जाएं। अदालत के नए भवन बने। कई अदालतों में कामकाज के लिए जगह कम पड़ रही है। न्यायालय में आमजन व अन्य लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अधिवक्ताओं और पक्षकारों के बैठने की जगह पूरी नहीं है। भीलवाड़ा में नए भवन के लिए जमीन आवंटित हो चुकी है लेकिन बाकी प्रक्रिया नहीं हुई है।
मंदी की बात
नए वकीलों के लिए लम्बे समय से स्टाइपंड की मांग की जा रही है। इनका कहना है कि सरकार को एक निर्धारित राशि देनी चाहिए। यदि ऐसा होगा तो इस पेशे में ज्यादा लोग आएंगे और आमजन को त्वरित न्याय मिलेगा। सरकार को एडवोकेट वेलफेयर फ ंड में राशि भी बढ़ानी चाहिए।
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बजट से संभावना
नए बजट में वकीलों को टोल टेक्स में छूट मिले, अधिवक्ताओं के लिए अलग कॉलोनी की घोषणा हो, रिक्त पद भरे जाएं, अधिवक्ता कल्याण कोष में ज्यादा राशि जमा हो। अधिवक्ताओं के लिए पेंशन सुविधा हो। सरकार को चाहिए कि अधिवक्ताओं के लिए भी कुछ सोचे और बजट में घोषणा करें। अधिक्ताओं की सुरक्षा के लिए गाइडलाइन बनाएं।
इन्होंने रखे विचार
फारूख मंसूरी, आजाद शर्मा, राजू डीडवानिया, दीपक खूबवानी, गोपाल सोनी, प्रकाश सारस्वत, अभयसिंह आंचलिया, दर्शना जैन, उदयलाल गौरण, भैरूलाल बाफना, गोपाल अजमेरा, कैलाशचंद आगाल, संजय सेन, नौनिहालसिंह, गजेन्द्रसिंह, संदीप सक्सेना, राकेश जैन, महिपालसिंह राणावत, राघेवन्द्र नाथ व्यास, पुनित शर्मा, दीपक श्रीमाली, अंशुल शर्मा, नवनीत कुमावत समेत कई अधिवक्ताओं ने विचार रखे।
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मेरी बात
अधिवक्ताओं के हितों पर ध्यान देने के लिए सरकार प्रमुख रूप से बजट में घोषणा करें। न्यायिक प्रक्रिया में सरकार का दायित्व है कि लोगों को सुलभ व सस्ता न्याय मिलें। इसके लिए सरकार अदालतों में न्यायिक अधिकारी, कर्मचारी की नियुक्ति करें। स्थाइपंड के साथ साठ साल से अधिक के अधिवक्ताओं के लिए पेंशन शुरू की जाए।
– विक्रमसिंह, अध्यक्ष, जिला अभिभाषक संस्था
वेलफेयर फंड में सरकार राशि बढ़ाए। ताकी अधिवक्ता के निधन पर आश्रित परिवार को सम्बल मिल सकें। उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग बजट में शामिल करते हुए उसे मंजूरी दी जाए।
– मोहम्मद फरजन, पूर्व अध्यक्ष, जिला अभिभाषक संस्था
वकीलों के लिए अलग कॉलोनी व सामूहिक बीमा योजना लागू किया जाए। वकीलों के वाहन हाईवे पर टोल फ्री किए जाए। वकील व्यवसाय नहीं कर रहा, वह सेवा कर रहा है। अधिवक्ता को आयकर भी छूट दी जाए।
– उम्मेदसिंह राठौड़, अधिवक्ता
युवा अधिवक्ताओं को स्थाइपंड दिया जाए। जूनियर अधिवक्ताओं के लिए लीगल कैम्प हो। इससे उनको बेसिक नॉलेज मिलेगा। महिला अधिवक्ता के संरक्षण के लिए अलग से सेल बनाई जाए।

– ललिता शर्मा, पूर्व कोषाधिकारी, जिला अभिभाषक संस्था
वकीलों की समस्याओं को राज्य सरकार बजट में रखे इसके लिए प्रयास किया जाएगा। वकीलों के लिए रियायत दर पर भूखड दिया जाए ताकि वहां कॉलोनी स्थापित हो सकें।
– राजेश चौधरी, अधिवक्ता
हिंदुस्तान को आजाद कराने की मुहिम सबसे पहले अधिवक्ताओं ने संभाली। सरकार और प्रशासनिक व्यवस्था से पीडि़त नागरिकों की आवाज अधिवक्ता ही उठाते हैं। अधिवक्ता ही जनता की आवाज बनता है। न्यायिक व्यवस्था में सुधार की जरूरत है।
– कुणाल ओझा, अधिवक्ता
वकीलों के लिए हाईवे पर जीरो फास्ट टे्रक की व्यवस्था की जाए। जिनती भी आवासीय योजना राज्य में लाई जाती है उनमें वकीलों का अलग से कोटा होना चाहिए।

– विजय भटनागर, अधिवक्ता
अधिवक्ता हितों के लिए बजट में नई घोषणा की जरूरत है। जिला एवं सत्र न्यायालय के विस्तार के साथ वहां सुविधाओं को बढ़ाने के लिए बजट में घोषणा हो।
– अशोक जैन, अधिवक्ता
अजमेर में कॉमर्शियल कोर्ट को भीलवाड़ा में संचालित किया जाए। वहां जितने मुकदमे में है उनमें से सबसे अधिक प्रकरण भीलवाड़ा के है।
– राजेश शर्मा, अधिवक्ता
अधिवक्ताओं के हितों की ओर सरकार ध्यान दें। उम्मीद है कि बजट में वकीलों के लिए कुछ खास घोषणाएं होंगी। इससे आमजन को भी फायदा मिलेगा।
– पवन पंवार, अधिवक्ता
न्यायालय को भवन बनाने के लिए जमीन आवंटित कर रखी है। इसके लिए सरकार बजट आवंटित करें। अधिवक्ता सुरक्षा एक्ट लागू किया जाए।
– ओमप्रकाश तेली, पूर्व उपाध्यक्ष, जिला अभिभाषक संस्था
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