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भीलवाड़ा

सरकार ने 2013 में एलडीसी के 19515 पदों पर निकाली भर्ती

अब भी नियुक्ति नहीं

भीलवाड़ाJul 10, 2020 / 09:39 pm

Suresh Jain

Government Recruitment in 19515 LDC Posts in 2013 in bhilwara

Government Recruitment in 19515 LDC Posts in 2013 in bhilwara

भीलवाड़ा .

पंचायतीराज विभाग में साल 2013 में हुई एलडीसी भर्ती में 10 हजार 29 पदों पर सात साल बाद भी नियुक्तियां नहीं दी है। यह भर्ती कांग्रेस सरकार के पिछले कार्यकाल में कराई गई थी। 19515 में से अभी तक सरकार ने महज 9486 पदों पर नियुक्तियां दी है। हैरानी यह है कि इनमें भी 1600 नियुक्तियां तो कोर्ट में लड़ाई लड़कर ली है। सात साल बाद भी नियुक्तियां नहीं मिल पाई है।
गहलोत सरकार ने पिछले कार्यकाल में साल 2012 में प्रत्येक ग्राम पंचायत में दो कनिष्ठ लिपिक लगाने के लिए 19515 पदों पर भर्ती की घोषणा की थी। 2013 में भर्ती का विज्ञापन निकाला। इसमें नरेगा, जलग्रहण, सर्वशिक्षा अभियान, स्वच्छ भारत मिशन में कार्यरत संविदा एवं प्लेसमेंट एजेंसियों को अनुभव आधारित बोनस देने का फैसला किया। अभ्यर्थियों को सीनियर सैकंडरी परीक्षा में प्राप्तांकों का 70 प्रतिशत वेटेज दिए जाने और अनुभव के आधार पर प्रति वर्ष बोनस अंक देने और आरएससीआईटी की पात्रता का प्रावधान किया। अनुभव के आधार पर एक वर्ष के लिए 10, दो वर्ष 20, तीन या अधिक वर्ष के लिए 30 बोनस अंक देने का निर्णय लिया। 2013 में कनिष्ट लिपिक पदों की भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए। भर्ती में चयन के बाद साल 2013 में ही 7755 अभ्यर्थियों ने कार्यग्रहण कर लिया था। इस बीच हाई कोर्ट ने 15 जुलाई 2013 को भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी।
क्या है विवाद
एक अभ्यर्थी 2013 में बोनस अंकों के खिलाफ जोधपुर हाईकोर्ट में चला गया। लार्जर बैंच ने 25 सितंबर 2013 को सेवा अनुभव के बोनस अंकों की अधिकतम सीमा 15 अंक निर्धारित कर दी। कोर्ट ने बोनस अंक ज्यादा मानते हुए 10, 20, 30 के स्थान पर 5, 10, 15 किए जाने का निर्णय किया गया। सरकार और बोनस पाने वाले अभ्यर्थी हाईकोर्ट के फैसले के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में चले गए। यहां सुप्रीम कोर्ट ने 29 नवंबर 2016 को बोनस के 10, 20 व 30 अंकों को सही माना और नियुक्तियां देने के आदेश दिए।
कैसे मिला पद
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अभ्यर्थी हाईकोर्ट जयपुर चले गए। उन्होंने मांग रखी कि सभी पदों पर नियुक्तियां दी जाए। तत्कालीन प्रमुख शासन सचिव ग्रामीण विकास पंचायती राज विभाग, शासन सचिव वित्त विभाग, शासन सचिव पंचायत राज विभाग द्वारा शेष पदों पर 15 जुलाई 2017 तक नियुक्ति देने का सहमति पत्र न्यायालय में दिया गया, लेकिन सरकार ने नियुक्तियां नहीं दी। प्रदेश के 1600 आवेदक कोर्ट में चले गए और उन्होंने कोर्ट के आदेश पर नियुक्ति ले ली। बाकी पदों पर आज तक नियुक्ति नहीं हुई।
लगाया था आरोप
26 फरवरी 2019 को जारी सरकार के कांग्रेस सरकार ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी जिला परिषदों की ओर से पहले जारी कट ऑफ सीमा तक ही नियुक्ति प्रदान की गई। जिस कारण 1156 अभ्यर्थी ही कार्यभार ग्रहण कर सके। हैरानी यह है कि दोबारा सत्ता में आने के बाद भी सरकार नियुक्तियां नहीं दे रही है।
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