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गोविंदा फार्मा का अनुज्ञा पत्र निलंबित

locationभीलवाड़ाPublished: Sep 09, 2020 10:46:38 pm

Submitted by:

Suresh Jain

कई अनियमितताएं मिली थी

Govinda Pharma's license suspended in bhilwara

Govinda Pharma’s license suspended in bhilwara

भीलवाड़ा .
सहायक औषधि नियंत्रक ने प्रतीक हॉस्पीटल कैंपस में संचालित गोविंदा फार्मा का खुदरा औषधि अनुज्ञा पत्र को निरक्षण के दौरान अनियमतिता पाए जाने के कारण निलंबित कर दिया गया है।
औषधि नियंत्राण अधिकारी विष्णु कुमार शर्मा ने बताया कि आरसी व्यास कॉलोनी स्थित मेडिकल स्टोर पर अनियमिताएं मिलने पर चिकित्सा विभाग ने फार्मासिस्ट को कारण बताओं नोटिस जारी किया है। शर्मा ने डॉ. प्रदीप अग्रवाल के क्लिनिक में संचालित गोविंद फार्मा का गत दिनों अवधि पार दवा देने के मामले की शिकायत मिलने पर निरीक्षण किया था। शिकायत के बाद जांच करने पहुंचे ड्रग इंस्पेक्टर शर्मा को वहां पर कई अनियमितताएं मिली थी। शर्मा ने सहायक औषधी अधिकारी को इस मामले की जानकारी दी। इस पर सहायक औषधी अधिकारी ने फार्मासिस्ट को कारण बताओं नोटिस जारी किया। नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया है। शर्मा ने बताया कि जांच के दौरान फार्मासिस्ट नहीं मिला। जबकि फार्मा का संचालक अरविन्द कुमार सनाढ्य निवासी डोहरिया (शाहपुरा) मिला था। बताया गया है कि यह महात्मा गांधी चिकित्सालय में कार्यरत है। सनाढ्य ने 21 जुलाई 2017 को अस्पताल में नौकरी करते हुए औषधि अनुज्ञापत्र लिया था। जिसकी अवधि 20 जुलाई 2022 तक है। पहले इसका फार्मासिस्ट मंजू सुथार था। उसके स्थान पर मुकेश कुमार त्रिपाठी को आठ हजार रुपए प्रतिमाह से फार्मासिस्ट नियुक्त किया। शर्मा ने दो बार इस फार्मा की जांच की दोनो बार वह नहीं मिला। वही गोविन्दा फार्मा की ओर से सन्तोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर अनुज्ञा पत्र को निलंबित कर दिया गया है।
यह है मामला
हलेड़ ग्राम निवासी सुगना सुवालका ने आरसी व्यास स्थित एक निजी चिकित्सालय के डॉक्टर प्रदीप अग्रवाल को पहले 23 जुलाई तथा बाद में 30 जुलाई को दिखाया था। डॉक्टर ने उसी पर्ची में दवा लिखकर उनके यहीं पर संचालित गोविन्दा फार्मा से दवाई खरीदी। मेडिकल स्टोर पर बैठे किसी अन्य व्यक्ति ने 26 गोलियां टुकड़ों-टुकड़ों ने दी थी। घर जाकर देखा तो उन दवाइयों में फरवरी माह की एक्सपायरी डेट की दवाई भी शामिल थी। मरीज ने इसकी शिकायत उपभोक्ता अधिकार संगठन के जिलाध्यक्ष अरविंद पोखरना व हलेड़ इकाई अध्यक्ष कैलाश सुवालका से की थी।
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