अधिकांश व्यापारी माल दिल्ली व अहमदाबाद से मंगवा रहे है। माल के साथ बिल या पर्ची होती है। उसमें लिखी कीमत देख कर आश्चर्य होता है। व्यापारी मोबाइल एसेसरीज की कीमत ५ से १५ रुपए बताते है। वही सामान बाजार में १०० से ३०० रुपए में मिलता है। ऐसे में माल की कीमत का सही आंकलन मुश्किल हो रहा है।
– जीएसटी की धारा १२९/१ (ए) के तहत यदि किसी का माल पकड़ा जाता है तथा व्यापारी लेखा पुस्तिका व खरीद के प्रमाण पेश करता है तो उससे टेक्स व टेक्स के बराबर पेनल्टी वसूली जाती है। यानी १००० का माल है। बिल व दस्तावेज देने पर उस माल पर १२ प्रतिशत की दर से १२० रुपए टेक्स व १२० रुपए की पेनल्टी लगेगी।
– जीएसटी की धारा १२९/१ (ब) माल पकडऩे के बाद व व्यापारी सामने नहीं आता है। माल बिना बिल व बिल्टी का है या व्यापारी माल को प्रमाणित नहीं कर पाता है कि वह माल उसका है। ऐसी स्थिति में माल की कीमत के बराबर पेनल्टी लगाने का प्रवधान है। यानी १००० रुपए का माल है तो उतनी ही पेनल्टी देनी होगी।
-कोई भी व्यक्ति कही से भी ५० हजार रुपए से कम का माल मंगवा सकता है। बेशर्त माल का बिल व व्यक्ति का पहचान पत्र होना चाहिए। दोनो नहीं होने पर उस व्यक्ति को व्यापारी मानकर नियमानुसार जुर्माना वसूल जाएगा।
– टेक्स फ्री माल भी बाहर से लाया जाता है तो इसका बिल अनिवार्य है। अन्यथा माल की कीमत के ५ प्रतिशत या २५ हजार रुपए की पेनल्टी लगाने का प्रावधान है। इन दोनों में से जो भी राशि कम होगी वह वसूली जाएगी।