खान विभाग और पुलिस भले ही बजरी ले जाते ट्रैक्टर, ट्रक और ट्रेलर पकड़ रही है, लेकिन कानून तोड़कर अवैध खनन करने वालों तक नहीं पहुंच रही है। बनास नदी के दोनों ओर लाखों टन बजरी के स्टॉक (ढेर) हैं। दिनभर बजरी खनन करने के बाद यहां से रात में बजरी वाहनों में भरी जाती है। सरकारी जमीन व खेल मैदानों तक पर बजरी के स्टॉक हैं। ज्यादार कार्रवाई बजरी स्टॉक के बजाय वाहन जब्त करने की की जाती है। ग्रामीणों की शिकायतों के बाद भी बजरी एकत्र करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है।
क्षेत्र में सरकारी भूमि, चारागाहों पर अवैध बजरी स्टॉक हैं। बजरी माफिया ने सोपुरा, श्रीपुरा, दोवनी, जीवा का खेड़ा, चांदगढ़़ व नाहरगढ़ में सैकड़ों बीघा चारागाह पर स्टॉक लगा रखे हैं। इससे पशु पालकों को भी परेशानी हो रही है। बेशकीमती जमीनों पर कब्जे भी किए जा रहे हैं। खुलेआम हो रहे अवैध कब्जों को लेकर प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है। सोपुरा में स्कूल के खेल मैदान पर भी बजरी का स्टॉक है। ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। बीगोद, काछोला व बड़लियास थाना क्षेत्र में बजरी माफिया रोज दूसरे प्रदेशों तक बजरी भेजी जा रही है।
खुफिया रास्तों से दिन रात जा रहे नदी से खनन कर खुफिया रास्तों से सैकड़ों ट्रैक्टर ट्रॉली बजरी स्टॉक पर लाई जाती है। रात में वाहनों बजरी भरकर भेजते हैं। सांझ ढलते ही बेगूं, मध्यप्रदेश में अवैध बजरी पहुंचाने वाले सैकड़ों वाहन बेड़च नदी के किनारे बड़लियास मार्ग पर पुल की चढ़ाई पर एकत्र हो जाते हैं। देर रात बाद इनमें बजरी भरी जाती है।
क्षमता से अधिक बजरी भरकर दौड़ा रहे वाहन
क्षमता से अधिक बजरी से भरे वाहनों से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। क्षेत्र की सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। क्षेत्र के कुछ जनप्रतिनिधियों का भी इस अवैध कारोबार में दखल है।
क्षमता से अधिक बजरी से भरे वाहनों से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। क्षेत्र की सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। क्षेत्र के कुछ जनप्रतिनिधियों का भी इस अवैध कारोबार में दखल है।