READ: ससुराल में युवक का पत्नी पर तलवार से वार, बचाव में आई सास भी घायल सामग्रियों के टैक्स रेट की सूची भी लगानी है। कंपोजिशन स्कीम के दायरे में आने वालों को इसका उल्लेख करना है। ग्राहकों को बिल में लिखना अनिवार्य है कि हम टैक्स लेने को अधिकृत नहीं हैं। जिस जगह से करदाता व्यापार करता है, उन सभी जगहों पर फ र्म व कंपनी के नाम के साथ जीएसटीआईएन भी अब लिखा जाएगा। इसके तहत सभी दुकानों, कार्यालयों के बोर्ड पर लिखना होगा। जीएसटी पर भी यही प्रावधान है कि पंजीकृत करदाता जीएसटी का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र को दुकान, कार्यालय या फैक्ट्री में डिसप्ले करना होगा। भीलवाड़ा जोन में करीब दस हजार व्यापारी पंजीकृत है।
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इसलिए जरूरी
विभाग के अनुसार बोर्ड पर नम्बर लगाने से पंजीकृत और अपंजीकृत व्यापारियों की पहचान आसानी से हो सकेगी। अधिकारियों को कर वसूली में सुविधा मिलेगी। पता चलेगा कि दुकानदार रजिस्टर्ड व्यापारी से माल ले रहे हैं या नहीं। अनरजिस्टर्ड व्यापारियों से माल लेने पर रिवर्स चार्ज में टैक्स जमा करना होगा।
इसलिए जरूरी
विभाग के अनुसार बोर्ड पर नम्बर लगाने से पंजीकृत और अपंजीकृत व्यापारियों की पहचान आसानी से हो सकेगी। अधिकारियों को कर वसूली में सुविधा मिलेगी। पता चलेगा कि दुकानदार रजिस्टर्ड व्यापारी से माल ले रहे हैं या नहीं। अनरजिस्टर्ड व्यापारियों से माल लेने पर रिवर्स चार्ज में टैक्स जमा करना होगा।
चलाया जाएगा अभियान
हर दुकान, कंपनी व फर्म को जीएसटीएन डिस्प्ले जरूरी है। अभी बहुत कड़ाई नहीं की जा रही है, लेकिन अब डिस्प्ले लगाने के लिए विशेष अभियान चलाएंगे। बोर्ड पर डिस्प्ले नहीं होने पर उन व्यवसायियों को जुर्माना भी भरना होगा।
गोकुलराम चौधरी, संयुक्त आयुक्त वाणिज्यिक कर विभाग भीलवाड़ा
हर दुकान, कंपनी व फर्म को जीएसटीएन डिस्प्ले जरूरी है। अभी बहुत कड़ाई नहीं की जा रही है, लेकिन अब डिस्प्ले लगाने के लिए विशेष अभियान चलाएंगे। बोर्ड पर डिस्प्ले नहीं होने पर उन व्यवसायियों को जुर्माना भी भरना होगा।
गोकुलराम चौधरी, संयुक्त आयुक्त वाणिज्यिक कर विभाग भीलवाड़ा