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महिला जनप्रतिनिधि के स्थान पर उनके पति कर रहे काम

locationभीलवाड़ाPublished: Jun 05, 2020 10:42:56 am

Submitted by:

Suresh Jain

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने माना गंभीरकलक्टर व सीईओ को लिखा पत्र

Her husband is doing work in place of female people's representative in bhilwara

Her husband is doing work in place of female people’s representative in bhilwara

भीलवाड़ा।
पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण मिल गया, लेकिन यह व्यवस्था बेमानी साबित हो रही है। आलम यह है कि ज्यादातर मामलों में जनप्रतिनिधि भले महिलाएं हैं, लेकिन रौब उनके पतियों का चलता है। किसी भी काम के लिए लोगों को उन्हीं से मिलना होता है। खासतौर से पंचायतीराज में पदों पर आसीन अधिकतर महिला जनप्रतिनिधियों का काम उनके पति ही संभालते हैं।
महिला प्रधान, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड पंच, सरपंच पदों पर निर्वाचित महिलाओं ने अपने अधिकारों की जानकारी के अभाव में पूरा कार्य अपने पतियों को सौंप दिया था। इस तरह की शिकायतें मिलने पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने गंभीर माना है। उन्होंने सभी जिला कलक्टर, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा विकास अधिकारी को पत्र लिखे हैं।
पत्र में कहा गया है कि जनप्रतिनिधियों के स्थान पर उनके पति, निकट सम्बन्धी, रिश्तेदार या अन्य किसी व्यक्ति के माध्यम से कार्यालय में कार्य सम्पादित किए जा रहे हैं। बैठक में भी वे ही उपस्थित रहते है, जबकि महिला जनप्रतिनिधि घर पर रहती है। कभी कार्यप्रणाली के बारे में जनता सवाल पूछती है तो महिला जनप्रतिनिधि अपने पतियों की तरफ देखने लगती हैं। वास्तविकता के तह में जाए तो सभी श्रेणी की निर्वाचित महिला जन प्रतिनिधियों के अधिकारों को पति अपने हाथ में लेकर कार्यकर्ताओं का निपटारा करते हैं। ऐसा नहीं है कि महिला जन प्रतिनिधियों के अधिकारों के हनन की जानकारी विभागीय अधिकारियों को नहीं है, लेकिन वे भी महिला जनप्रतिनिधि के पति को मुखिया कहकर संबोधित करते हैं।
इस सम्बन्ध में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपालराम बिरड़ा का कहना है कि चुनाव में जीतने वाली महिलाओं को अधिकार व कर्तव्य के बारे में समझना होगा। समय-समय पर सरकार की ओर से जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षित भी किया जाता है। महिला जनप्रतिनिधियों को जनता के बीच रूबरू होकर एवं जनता के कार्यों में भागीदारी निभानी होगी।
धारा ३८ के तहत होगी कार्रवाई
पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सिंह ने कहा कि निर्वाचित सदस्य की ओर से ऐसा कृत्य किया जाता है, तो यह कर्तव्यों के निर्वहन में असमर्थता एवं दुराचरण की श्रेणी में आता है। किसी पंचायती राज संस्था में ऐसा पाए जाने पर सम्बन्धित महिला सदस्य, पदिधाकारी के विरुद्ध राजस्थान पंचायती राज अधिनियम १९९४ की धारा ३८ के तहत कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामले में कर्मचारी के सहयोग करने पर उसके खिलाफ भी सीसीए नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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