पुस्तकालयों की व्यवस्था संभाले रहे पुस्तकालयध्यक्ष भी सरकार के रवैय्ये से खुश नहीं है। उनकी पीड़ा है कि राजस्थान में विगत 20 वर्षों से सेवानियमों मेें तकनीकी खामी बताकर पुस्तकालयध्यक्षों की पदोन्नति की प्रक्रिया को सरकार गति नहीं दे पा रही है।
प्रदेश में कुल 11562 उच्च माध्यमिक विद्यालय है तथा 3598 माध्यमिक विद्यालय हैए कुल 15160 विद्यालय हैए जिनमें से 4334 विद्यालय में ही पुस्तकालय अध्यक्ष पद स्वीकृत है और 10826 विद्यालयों में पुस्तकालय अध्यक्ष के पद स्वीकृत ही नहीं है। प्रदेश के सभी विद्यालयो में नामांकन के आधार पर प्रथमए द्वितीय व तृतीय श्रेणी पुस्तकालयध्यक्षों के पद सृजित होने चाहिए। पदोन्नति नहीं होने व नए पद सृजित नही होने से बेरोजगारों में रोष व्याप्त है। प्रदेश में फस्र्ट ग्रेड के सभी 41 पद खाली है। जबकि सैंकड ग्रेड में 1225 में से 918 व थर्ड ग्रेड में 43324 में से 1762पद खाली है। इधरए भीलवाड़ा जिले में सैंकड ग्रेड में 35 व थर्ड ग्रेड में 49 पद खाली है।
प्रदेश में समय.समय पर स्टाफ ीग पैटर्न के अनुसार नवीन पद सृजित किए जाते रहे हैं जबकि सेवानियमों में तकनीकी खामी के कारण पुस्तकालयध्यक्षों के नवीन पद सृजित नहीं किए गए है। राजेश पुरोहित बताते है कि राज्य सरकार की बहुआयामी योजना महात्मा गाधी अंग्रेजी विद्यालय में पुस्तकालध्यक्ष का पद द्वितीय श्रेणी का सृजित किया जाना चाहिए उसके स्थान पर तृतीय श्रेणी का पद सृजित किया जा रहा है। How is this government condition, waiting for promotion for twenty years
ब्लाकएनोडल व पीईईओ स्तर के विद्यालयों द्वारा निशुल्क पाठ्यपुस्तकों का वितरण का कार्य सपांदित किया जाता है। ऐसे विद्यालयो में पुस्तकालयध्यक्षो के पद सृजित होना आवश्यक है। पंचायत समिति स्तर पर भाषा एवं पुस्तकालय विभाग द्वारा सार्वजनिक पंचायत समिति पुस्तकालय सचांलित है लेकिन अलग से पद स्वीकृत नहीं करके विद्यालय पुस्तकालयध्यक्ष को ही इसका चार्ज दे रखा है परन्तु वहां पर भी कई स्थानों पर पद रिक्त होने से दोनों पुस्तकालय बंद पड़े है।
वर्ष 2012 में सेवानियमों मे संशोधन के लिए फाइल तैयार कर सरकार ने प्रक्रिया प्रारंभ की थी। जिसके फ लस्वरूप राज्य सरकार ने अगस्त 2021 में सेवा नियमों में संशोधन कर सेवा नियम 2021 बना दिए हैं लेकिन अब तक स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर और शिक्षा निदेशालय स्तर से विभिन्न आदेश जारी होने के बावजूद भी कुछेक जिलों को छोड़ कर अधिकांश जिलों द्वारा वरिष्ठता सूची तक जारी नही की गई है। जिससे पुस्तकालयाध्यक्षों की पदोन्नति नही हो रही है। कई पुस्तकालयाध्यक्ष सेवानिवृत हो चुके हैं। और पुस्तकालयाध्यक्ष के पद रिक्त होने व पदोन्नति नही होने से पुस्तकालयध्यक्षों में रोष है ।
अरविन्द जोशी, राजस्थान पुस्तकालय सेवा परिषद