scriptमेजा में यह कैसी चोरी, 100 बीघा में बोई सब्जियां में पानी | How is this theft in Meja, water in vegetables sown in 100 bighas | Patrika News

मेजा में यह कैसी चोरी, 100 बीघा में बोई सब्जियां में पानी

locationभीलवाड़ाPublished: Jun 17, 2021 08:43:07 am

Submitted by:

Akash Mathur

कभी वस्त्रनगरी की जीवन रेखा कहलाने वाला मेजा बांध लापरवाही का दंश झेल रहा है। चम्बल परियोजना आने के बाद जलदाय विभाग और प्रशासन ने इस पर ध्यान देना छोड़ दिया। आलम यह कि बांध के पेटे से खींचे जा रहे पानी से अवैध खेती लहलहा रही है। इससे बांध की गुल्लक में जमा जल राशि लगातार घट रही है। राजस्थान पत्रिका टीम ने बुधवार को बांध पेटे में करीब दो किलोमीटर घूमकर हकीकत का पता लगाया।

 100 dials

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भीलवाड़ा. कभी वस्त्रनगरी की जीवन रेखा कहलाने वाला मेजा बांध लापरवाही का दंश झेल रहा है। चम्बल परियोजना आने के बाद जलदाय विभाग और प्रशासन ने इस पर ध्यान देना छोड़ दिया। आलम यह कि बांध के पेटे से खींचे जा रहे पानी से अवैध खेती लहलहा रही है। इससे बांध की गुल्लक में जमा जल राशि लगातार घट रही है। राजस्थान पत्रिका टीम ने बुधवार को बांध पेटे में करीब दो किलोमीटर घूमकर हकीकत का पता लगाया। जहां पानी से सब्जियां उगाई जा रही थी। कमोबेश हर साल इस स्थिति के कारण लाखों लीटर पानी चोरी होता है। इसे रोकने के लिए जलदाय विभाग और प्रशासन ने कभी ठोस योजना नहीं बनाई।
लाखों लीटर पानी रोजाना चोरी
बांध के पेटे में सौ से अधिक मोटर लगी है। सीधे पाइप पानी में डालकर बांध से जल चुराया जा रहा है। लाखों लीटर पानी से रोजाना अवैध रूप से सिंचाई करके खेती की जा रही है। दिलचस्प पहलु यह है कि यह काम चोरी-छिपे नहीं बल्कि बेधड़क हो रहा है। किसी अफसर ने पेटे में उतरकर इनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं की।
पांच महीने लेते फसल
बांध पेटे से चार से पांच माह खेती की जाती है। पहले तरबूज, ककड़ी और खीरे की फसल उगाते हैं। फिर सब्जियों का नम्बर आता है। अभी पेटे में सौ से अधिक बीघा में सब्जियां उगाई जा रही है। रोजाना लाखों लीटर चोरी के पानी से सिंचाई हो रही है। पेटे में झोपडि़यां बना रखी है ताकि फसलों की सुरक्षा के लिए रुक सके।
आपात स्थिति के तैयार रहे लाइफ लाइन
अभी चम्बल परियोजना का पानी डेढ़ सौ किमी दूर से लाया जा रहा है। परियोजना में शटडाउन लेना पड़े या आपात स्थिति आ जाए तो मेजा बांध शहर की प्यास बुझाने में जिम्मेदारी निभा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि इसमें पानी रिजर्व रखा जाए। सूखे कंठों को चम्बल परियोजना तर कर रही है। लेकिन मेजा बांध भी जलापूर्ति का बड़ा स्त्रोत है। हालांकि इस समय पचास से साठ लाख लीटर रोज जलदाय विभाग जलापूर्ति के लिए पानी ले रहा है।
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