भीलवाड़ा। विजया राजे सिंधिया राजकीय मेडिकल कॉलेज नए शिक्षा सत्र में मेडिकल की पढ़ाई के लिए ‘मानव देहÓ की तलाश कर रहा है। इसके लिए कॉलेज प्रशासन की जयपुर से उदयपुर तक भागदौड़ हो रही है, लेकिन विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या के मुताबिक मानव देह नहीं मिली है। एेसे में नए शिक्षा सत्र में कॉलेज प्रबंधन के लिए कम से कम आठ मानव देह की जुगाड़ करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। दूसरी ओर, मरणोपरांत देह दान हो रहे हैं, लेकिन इसका फायदा उच्च स्तरीय मेडिकल कॉलेज को ही मिलता रहा है।
यहा सांगानेर स्थित मेडिकल कॉलेज दूसरे वर्ष में प्रवेश कर गया है। गत वर्ष प्रथम वर्ष में सौ सीट पर विद्यार्थियों के प्रवेश हुए थे, लेकिन एक विद्यार्थी की सड़क हादसे में मृत्यु के बाद ९९ ही रह गए। कॉलेज में मानव सरंचना एवं अंगों के विस्तृत अध्ययन के लिए पांच मानव देह की जरूरत थी, लेकिन शुरुआती दिनों में दो देह ही मिल सकी।
नए सत्र में चाहिए १० मानव देह
मेडिकल कॉलेज में नए शिक्षा सत्र में प्रथम वर्ष की सीट १०० से बढ़कर १५० हो गई है। प्रथम वर्ष में कुछ सीटें रिक्त हैं, जिनके लिए प्रवेश प्रक्रिया २५ अगस्त तक पूरी कर ली जाएगी। द्वितीय वर्ष में ९९ विद्यार्थी हैं। सितम्बर प्रथम वर्ष के नए बैच की कक्षाएं शुरू होते ही २४९ विद्यार्थी हो जाएंगे। एेसे में पढ़ाई के लिए १० मानव देह की जरूरत होगी, जबकि कॉलेज में तीन मानव देह ही हैं। इसके लिए उदयपुर व जयपुर मेडिकल कॉलेज से मदद की उम्मीद है। राज्य सरकार से भी मांग की गई है कि भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज को मांग के अनुरूप मानव देह उपलब्ध कराई जाए।
मेडिकल कॉलेज में नए शिक्षा सत्र में प्रथम वर्ष की सीट १०० से बढ़कर १५० हो गई है। प्रथम वर्ष में कुछ सीटें रिक्त हैं, जिनके लिए प्रवेश प्रक्रिया २५ अगस्त तक पूरी कर ली जाएगी। द्वितीय वर्ष में ९९ विद्यार्थी हैं। सितम्बर प्रथम वर्ष के नए बैच की कक्षाएं शुरू होते ही २४९ विद्यार्थी हो जाएंगे। एेसे में पढ़ाई के लिए १० मानव देह की जरूरत होगी, जबकि कॉलेज में तीन मानव देह ही हैं। इसके लिए उदयपुर व जयपुर मेडिकल कॉलेज से मदद की उम्मीद है। राज्य सरकार से भी मांग की गई है कि भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज को मांग के अनुरूप मानव देह उपलब्ध कराई जाए।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा राजस्थान पत्रिका ने कॉलेज के शुरुआती दिनों में मानव देह को लेकर आ रही समस्या उजागर करते हुए समाचार अभियान चलाया था। इसके बाद विभिन्न संगठन जागरूक हुए और २२ जनों ने मरणोपरांत अपनी देह मेडिकल कॉलेज को समर्पित करने का संकल्प पत्र भरा। इनमें से चार जनों की मृत्यु के बाद परिजनों ने उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज को देह समर्पित की। ये देह भीलवाड़ा को मिले जाए, इसके लिए कॉलेज प्रशासन प्रयासरत है।
उदयपुर मेडिकल कॉलेज से उम्मीद
भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज में आठ मानव देह की जरूरत है। उदयपुर मेडिकल कॉलेज से तीन देह मिलने की उम्मीद है। जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज से भी सम्पर्क किया है। राज्य सरकार को भी अवगत करा रखा है।
डॉ. राजन नंदा, प्राचार्य, भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज
भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज में आठ मानव देह की जरूरत है। उदयपुर मेडिकल कॉलेज से तीन देह मिलने की उम्मीद है। जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज से भी सम्पर्क किया है। राज्य सरकार को भी अवगत करा रखा है।
डॉ. राजन नंदा, प्राचार्य, भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज