इन वार्डों में अभी वेंटीलेटर चलता है, जिससे संक्रमण फैलने की आशंका रहती है। ये दरवाजे लगने के बाद इनके पास एयर कर्टन लगाया जाएगा, जो संक्रमण को रोकेगा। दरवाजे लगने के बाद एक से अधिक परिजनों व रिश्तेदारों के साथ ही अनावश्यक लोगों के प्रवेश पर भी स्वत: ही पाबंदी लग जाएगी। वार्ड में किसी वीआइपी को काम होने पर उसे आने व जाने के लिए अस्पताल प्रशासन की स्वीकृति पर कार्ड जारी किया जाएगा।
अस्पताल के अपातकालीन चिकित्सा कक्ष में घायलों के इलाज में कोताही बरतना चिकित्सकों व नर्सिंगकर्मियों को भारी पड़ेगा। एमओटी में बाहर से लेकर अंदर तक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों से आने जाने वाले लोगों के साथ ही सुरक्षाकर्मियों पर नजर रहेगी। घायलों को भी समय पर स्ट्रेचर व इलाज मिल सकेगा। मरीजों को सीधे रैफर करने वाले कर्मचारियों पर भी इससे लगाम कसी जा सकेगी। अस्पताल प्रशासन ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी है। कैमरे लगने के बाद आपातकालीन कक्ष के बाहर मरीजों को झांसे में लेकर निजी अस्पतालों में ले जाने वाले एंबुलेंस संचालकों, समाजकंटकों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी।
अस्पताल के आपातकालीन विभाग में निजी सुरक्षाकर्मियों की जगह होमगार्ड लगाए जाएंगे। मातृ एवं शिशु इकाई के मुख्य द्वार, अस्पताल परिसर स्थित सखी सेंटर पर भी दो होमगार्ड तैनात किए जाएंगे। होमगार्ड अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था संभालने के साथ ही निजी सुरक्षाकर्मियों पर भी नियंत्रण रखेंगे।
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अच्छी व्यवस्था देने का कर रहे प्रयास
जिला कलक्टर के आदेशानुसार अस्पताल के आइसीयू व सीसीयू में सीएसआर एक्टिविटी के तहत हरमेटिक सील्ड डोर लगाए जाएंगे। इससे मरीजों व नर्सिंगकर्मियों के साथ ही चिकित्सकों को संक्रमण से मुक्ति मिलेगी। मरीजों क ो समय पर इलाज देने, चोर उचक्कों का शिकार होने से बचाने के लिए नई व्यवस्थाएं जल्द शुरू की जाएंगी। लेबर रूम में ठगी की वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए कैमरे लगवा दिए हैं।
डॉ. अरुण गौड़, पीएमओ, एमजीएच