READ: नाले में पुजारी का शव मिलने से सनसनी, नहीं लगा मौत के कारणों का पता नगर विकास न्यास भीलवाड़ा के सौन्दर्यीकरण पर करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है। पुर ओवरब्रिज से भीलवाड़ा तक रोड के बीच नया डिवाइडर एवं आरटीओ ऑफिस के पास सर्किल व वेलकम गेट बना रहा है जबकि भीलवाड़ा शहर की वास्तविक सीमा पुर से शुरू होती है। नगर परिषद और नगर विकास न्यास पुर को भीलवाड़ा की सीमा में नहीं मानते हैं। पुर की सीमा प्रारम्भ होने से लेकर भीलवाडा तक डिवाइडर व सौन्दर्यीकरण का कार्य होना चाहिए था। भीलवाड़ा शहर का वेलकम गेट भी पुर की सीमा प्रारम्भ होने वाले स्थान पर बनाया जाना चाहिए था। प्रशासन ने पुर की हर तरह से अनदेखी कर रखी है।
READ: हलक में अटकी मरीजों की जान, एसी खराब होने से बंद हुई जांच मशीनें, आधी ही हो पायी जांच
नगर परिषद व नगर विकास न्यास ने पुर में एक भी पार्क विकसित नहीं किया। बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य आदि आधारभूत सुविधाओं का भी अभाव है। हर छोटी-मोटी जरूरत के लिए भीलवाडा दौडना पडता है। चारों वार्डों में गंदगी पसरी रहती है। चिकित्सालय में मरीजों को भर्ती करने की सुविधा नहीं होने, प्रसूति वार्ड का अभाव होने व अन्य आवश्यक उपकरणों के अभाव में मरीजों को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए भी भीलवाडा जाना पड़ता है।
आयुर्वेदिक हॉस्पिटल भी वर्षों से किराये के भवन में चल रहा है। पेयजल लाइन डालने के लिए खोदी गई सड़कों की मरम्मत की सुध लेने वाला कोई नहीं है। रोडवेज की भी अधिकतर बसें बाईपास से निकल जाने से पुर नगर शहर से कट गया है। पुर की अनदेखी किये जाने से क्षेत्रवासियों में आक्रोश है।
नगर परिषद व नगर विकास न्यास ने पुर में एक भी पार्क विकसित नहीं किया। बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य आदि आधारभूत सुविधाओं का भी अभाव है। हर छोटी-मोटी जरूरत के लिए भीलवाडा दौडना पडता है। चारों वार्डों में गंदगी पसरी रहती है। चिकित्सालय में मरीजों को भर्ती करने की सुविधा नहीं होने, प्रसूति वार्ड का अभाव होने व अन्य आवश्यक उपकरणों के अभाव में मरीजों को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए भी भीलवाडा जाना पड़ता है।
आयुर्वेदिक हॉस्पिटल भी वर्षों से किराये के भवन में चल रहा है। पेयजल लाइन डालने के लिए खोदी गई सड़कों की मरम्मत की सुध लेने वाला कोई नहीं है। रोडवेज की भी अधिकतर बसें बाईपास से निकल जाने से पुर नगर शहर से कट गया है। पुर की अनदेखी किये जाने से क्षेत्रवासियों में आक्रोश है।